विधानसभा बजट सत्र के तीसरे दिन सदन के पटल पर CAG रिपोर्ट पेश की गई. कैग रिपोर्ट में उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में धांधली और अनियमिताओं का उजागर हुआ है.
कैग के अनुसार, केंद्रीय मंत्रालय के आदेशों के खिलाफ न सिर्फ बोर्ड ने घरेलू समान खरीदे बल्कि खरीदी गई साइकिल और टूलकीट कहा गए इसका किसी को पता ही नहीं.
इसके अलावा, कोरोना काल के दौरान अपात्र लोगों को राशन किट देने से लेकर विवाह योजना के लिए नियमों के खिलाफ करीब 7.19 करोड़ रुपये बांट दिए गए.
अपात्र लोगों को बांटी गई टूलकिट, साइकिल और राशनकिट: वित्तीय वर्ष 2021- 22 की कैग रिपोर्ट के अनुसार, उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की ओर से अपात्र लोगों को टूलकिट, साइकिल और राशनकिट बांट दी गई.
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महिला श्रमिक विवाह के नाम पर बांटे गए 1 लाख रुपये: श्रमिकों की बेटियों या फिर महिला श्रमिक के विवाह के लिए आर्थिक सहायता के रूप में 51 हजार रुपये देने का प्रावधान था, लेकिन इस नियम को तोड़कर बोर्ड ने आर्थिक सहायता के रूप में एक लाख रुपए कर दिया और दिसंबर 2018 से नवंबर 2021 के बीच 1468 लाभार्थियों को करीब 7.19 करोड़ रुपये अधिक बांट दिए. इस दौरान लाभार्थियों की पात्रता भी नहीं देखी गई.
140 दिन बाद श्रमिक मौत का मुआवजा दिया गया: किसी भी श्रमिक के मौत के 60 दिन के भीतर मृतक श्रमिक आश्रितों को मुआवजा देने का प्रावधान है लेकिन देहरादून और उद्यमसिंह नगर में मुआवजा देने का औसत समय 140 दिन पाया गया.
नियम के विरुद्ध दिया गया मातृत्व लाभ: प्रसूति योजना के तहत मातृत्व लाभ को नियम के विरुद्ध 10,000 से बढ़ाकर 15,000 और 25,000 रुपये कर दिया गया. साथ ही 225 मामलों में करीब 19.75 लाख रुपए से अधिक का भुगतान कर दिया गया. इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट के आदेश को भी दरकिनार कर बोर्ड ने अनरजिस्टर्ड 5,47,274 लोगों को 215 करोड़ का लाभ दिया. इस दौरान डीबीटी का उपयोग नहीं किया गया.