कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने रविवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को अपना इस्तीफा सौंप दिया था. दरअसल विधानसभा में बजट सत्र के दौरान उनके एक बयान ने इतना तूल पकड़ लिया था कि हर तरफ से उनके इस्तीफे की मांग होने लगी थी. धरना-प्रदर्शन हो रहे थे. जुलूस निकल रहे थे. राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में रिटायर्ड फौजी भूख हड़ताल पर बैठ गए थे. उन्होंने प्रेमचंद अग्रवाल को मंत्रिमंडल से हटाने की मांग करते हुए राष्ट्रपति को खून से लिट्ठी लिखी थी.
प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे के बाद उनके बयान से नाराज हुए लोग जहां खुशी मना रहे हैं, वहीं उनके समर्थकों ने आज बंद का ऐलान किया था. इस ऐलान का मिलाजुला असर दिखाई दे रहा है. प्रेमचंद अग्रवाल के विधानसभा इलाके में आने वाले डोईवाला का बाजार आज बंद है. हालांकि आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई वाली दुकानें खुली हुई हैं.

बता दें कि इस्तीफा देने वाले कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल डोईवाला निवासी हैं. उनका परिवार भी डोईवाला में ही रहता है. वहीं डोईवाला में व्यापार संघ ने बाजार बंद का आह्वान किया था. बाजार बंद के बाद प्रेमचंद अग्रवाल के समर्थक डोईवाला चौक पर धरने पर बैठ गए. धरने पर बैठे लोगों का कहना है कि कुछ लोग क्षेत्रवाद की राजनीति कर रहे हैं, जो भी घटनाक्रम हुआ है, वह उत्तराखंड के विकास के लिए अच्छा नहीं है. इन लोगों का कहना है कि इस्तीफा प्रेमचंद अग्रवाल का दबाब बनाकर लिया गया है, वह वापस होना चाहिए.
उत्तराखंड की राजनीति पर पैनी नजर रखने वाले लोकप्रिय लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी भी प्रेमचंद अग्रवाल के बयान से नाराज थे. उन्होंने होली पर इस घटना के विरोध में गीत बनाया था. होली पर ये गीत खूब वायरल भी हुआ था. गीत के बोल थे ‘मत मारो प्रेम लाला पिचकारी’. नरेंद्र सिंह नेगी उत्तराखंड की पहली निर्वाचित एनडी तिवारी सरकार के दौरान भी एक गीत गाया था. वो गीत इतना अधिक लोकप्रिय हुआ था कि अगले चुनाव में कांग्रेस हार गई थी. इसके बाद जब रमेश पोखरियाल निशंक मुख्यमंत्री थे तो तब भी नरेंद्र सिंह नेगी ने गीत गाया था. अगला चुनाव बीजेपी हार गई थी. इस बार होली पर नरेंद्र सिंह नेगी ने प्रेमचंद अग्रवाल पर गीत गाया तो उन्होंने भी मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है.