LUCC कोऑपरेटिव सोसाइटी/कंपनी के माध्यम से की गई धोखाधड़ी मामले में पुलिस की कार्रवाई लगातार जारी है. अब तक कुल 08 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. 04 अन्य के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर (LOC) जारी किए गए हैं. आरोपियों की संपत्ति की जब्ती की भी प्रभावी कार्रवाई की जा रही है.
धोखाधड़ी का यह मामला सबसे पहले 1 जून 2024 को सामने आया था. तब कोटद्वार निवासी तृप्ति नेगी ने कोटद्वार की दुगड्डा शाखा में कार्यरत मैनेजर विनीत सिंह और कैशियर प्रज्ञा रावत पर आरडी खाता खोलने के नाम पर पैसे लेकर धोखाधड़ी का आरोप लगाया था. इस संबंध में कोतवाली कोटद्वार में मुकदमा संख्या 142/24 दर्ज किया गया, जिसके बाद पौड़ी पुलिस ने संबंधित अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.

LUCC धोखाधड़ी के मामले में अब तक उत्तराखंड के विभिन्न जिलों देहरादून, पौड़ी गढ़वाल, उत्तरकाशी, टिहरी गढ़वाल और रुद्रप्रयाग में कुल 13 मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं. इनमें पौड़ी जनपद में 4, टिहरी में 4, देहरादून में 2, रुद्रप्रयाग में 2 और उत्तरकाशी में 1 मुकदमा शामिल है. इन मामलों की निगरानी के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पौड़ी लोकेश्वर सिंह को पर्यवेक्षण अधिकारी नियुक्त किया गया है, जो गढ़वाल परिक्षेत्र में जारी सभी विवेचनात्मक कार्रवाइयों का नेतृत्व कर रहे हैं.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह ने मामले में त्वरित कार्रवाई के लिए सभी संबंधित जनपदों के विवेचकों के साथ ऑनलाइन बैठक की. इस दौरान उन्होंने विवेचकों को ठोस साक्ष्य जुटाने, अन्य जांच एजेंसियों से समन्वय स्थापित करने और आरोपियों की संपत्ति की पहचान कर उसे जब्त अथवा नीलाम करने की प्रक्रिया को तेज करने के निर्देश दिए. उन्होंने अभियुक्तों के पासपोर्ट और अन्य दस्तावेजों की जानकारी पासपोर्ट विभाग से प्राप्त करने और रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की संभावनाओं पर भी बल दिया. साथ ही, उन्होंने सभी विवेचकों को प्रोएक्टिव होकर मामले की विवेचना को सही दिशा में आगे बढ़ाने और शीघ्र समीक्षा की बात कही.