अर्नब गोस्वामी पर सुप्रीम फैसला : प्रजा तन्त्र के चौथे स्तंभ पत्रकारिता की दशहरा दीवाली एक साथ

हिन्दुस्तान में दो दिन पहले ही आयी दीवाली और खुशी ही खुशी💐

अर्नब गोस्वामी पर सुप्रीम फैसला : प्रजा तन्त्र के चौथे स्तंभ पत्रकारिता की दशहरा दीवाली एक साथ!

दो अन्य सहयोगियों को भी मिली अंतरिम जमानत

सच की जीत – सर्वोच्च न्यायालय का आया ऐतिहासिक फैसला !

7-8 घण्टे जबरदस्त बहस के बाद सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस चंद्रचूड़ व जस्टिस इंदिरा बनर्जी

महाराष्ट्र सरकार और उसकी पिठ्ठू पुलिस को ही सुप्रीम कोर्ट ने तुरंत रिहाई के कियेआदेश !

जय हो न्यायपालिका की ! कार्य पालिका और विधायिका को करना होगा चिंतन !

अर्नब की दीवाली जेल में देखने बालों के मुँह पर सुपर तमांचा!

मुम्बई पुलिस की साजिश हुई धूल धूसरित ! ठाकरे सरकार के चेहरा बेनकाब ! 

सच्ची और दबंग पत्रकारिता की जीत  और लुटियन्स पत्रकारिता व पिट्ठू पत्रकारिता की करारी हार !

नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी और अन्य सह आरोपियों को अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है।

ज्ञात हो कि न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली खंडपीठ का कहना है कि अर्नब गोस्वामी और दो अन्य आरोपियों को 50 हजार रुपये के बांड पर अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए।

यह आदेश का पालन तुरंत सुनिश्चित करने के लिए पुलिस आयुक्त को निर्देश देता है।

इससे पहले बॉम्बे हाई कोर्ट ने तीन दिन की बहस सुनने के बाद उनकी जमानत याचिका पर तत्काल कोई फैसला सुनाने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद राहत पाने के लिए अर्णब गोस्वामी  की ओर से माननीय सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।

अर्नब गोस्वामी को 2018 में इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक और उनकी मां की आत्महत्या से संबंधित मामले में चार नवंबर को मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार किया गया था।

अर्नब गोस्वामी ने सुप्रीम कोर्ट में बॉम्बे हाई कोर्ट के नौ नवंबर के आदेश को चुनौती दी थी जिसमें उन्हें और दो अन्य आरोपियों- फिरोज शेख और नीतीश सारदा- को अंतरिम जमानत देने से इंकार करते हुये कहा गया था कि इसमें हमारे असाधारण अधिकार का इस्तेमाल करने के लिये कोई मामला नहीं बनता है।

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