तो हीरा बाज़ार के करोड़ों रुपये डूब जाएगें : हार्दिक हुंड़िया

तो हीरा बाज़ार के करोड़ों रुपये डूब जाएगें : हार्दिक हुंड़िया

पूरा विश्व कोरोंना की भयंकर परिस्थिति से गुज़र रहा है । आर्थिक मंदी से हमारा देश भारत देश के साथ साथ विश्व भी गुज़र रहा है । भारतीय हीरा उद्योग विश्व के कई देशों पर टिका है । हीरा बाज़ार में चर्चा है की विश्व में सब से ज़्यादा हीरा उत्पादक भारत देश आज भयंकर परिस्थिति से गुज़र रहा है , सूरत में हीरे की घिसाई करने वाले क़रीबन सभी कारख़ाने बंद है , रत्न कलाकार को रोज़ी रोटी नहीं मिल रही है । हीरो का धंधा भारत और चाइना और हांगकांग के बीच बहुत बड़ा है । चाइना से आने वाला पेमेंट अब चाइना से आना बहुत मुश्किल है , पेमेंट की जगह वापस हीरे आने के ही संभावना दिख रही है, यदि पेमेंट नहीं आया तो भारतीय हीरो के व्यापारी बहुत बड़ी तकलीफ़ में आ जायेंगे। भारतीय हीरे के व्यापारी तकलीफ़ में आये तो देश की बेंको को भी बहुत बड़ी तकलीफ़ आने वाली है । बेंको के काफ़ी रूपैये हीरा बाज़ार में डूबने की शंका है । विश्व के हीरे बाज़ार की जापान स्थित *कीया* नाम की कंपनी ने दिवाला फूँक दिया है । चाईना और होंगकोंग के बीच अंदाज़ित्त तीस हज़ार करोड़ का धंधा है, यदि इतना बड़ा पेमेंट रुक गया तो सोचो भारतीय हीरा व्यापारयों का क्या हाल होगा ? बेंको के व्याज के पैसे? लोगों के सराफ़ी रूपैया, स्टाफ़ की पगार ये सब सोच के हीरे के व्यापारी बहुत परेशान है ? हीरा बाज़ार के जानकार हार्दिक हुंड़िया ने बताया की अमेरिका से भी जल्दी पेमेंट आने की अभी कोई उम्मीद नहीं है। हीरा एक राजाशाही उद्योग है । ये लकजरी आइटम लोग तब ख़रीदते है जब वे अपने उद्योग में बराबर होते है। कोरोंना के कारण धंधे में जो भयंकर नुक़सान हुआ है पहले उसकों क़ाबू में लाने की हर व्यापारी की कोशिश पहले रहेगी। कहते है अगर ४५ दिन व्यापार बंद रहा है तो वो व्यापार वापस लाइन में लाने के लिये डेढ़ साल लग जायेगा। आज हर व्यापारी को ये सब चिंता खाये जा रही है की अब जल्द से जल्द कारोबार व्यवस्थित हो जाए। कोरोना के कारण लोगों में मानवता भी ख़ूब दिखी है। लगभग उद्योगपतियों के साथ जो जो महानुभाव अपने देश के दुखी पीड़ित भाईओं के लिये कर सकते थे सब ने यथा शक्ति किया ये बात बताते हुये हार्दिक हुंड़िया कहते है की यह ही हमारे भारत देश की संस्कृति की परंपरा है ।

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