किसान क्रांति पदयात्रा में पुलिस ने किया किसानों पर लाठीचार्ज

किसान आंदोलन पर राष्ट्रीय लोक दल नेता अजीत सिंह ने एक निजी चैनल से बात करते हुए कहा कि किसानों को रुकने की जरूरत नहीं है, लोकतंत्र में सबकों अपनी बात रखने का अधिकार है. किसान हरिद्वार से यहां तक पहुंचे हैं, कहीं कोई हिंसा नहीं हुई? किसान यदि कुछ कहना चाहते हैं  तो सुनना चाहिए. किसानों से मिलने अजीत सिंह जा रहे हैं.

-गृहमंत्री राजनाथ सिंह के आवास पर किसानों के साथ बैठक शुरू. यूपी के मंत्री सुरेश रैना भी हैं मौजूद.

-किसानों को रोकने के क्रम में पुलिस को हल्के बल का प्रयोग करना पड़ा. पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज किया जिसमें कुछ किसान घायल हो गये.

-यूपी के पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि इस सरकार ने किसानों से किये गये वादों को पूरा नहीं किया. यही कारण है कि किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. यह दुर्भाग्यपूर्ण है. हम पूरी तरह से किसानों के साथ खड़े हैं.

-दिल्ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम किसान के साथ है. किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने देना चाहिए. क्यों उन्हें दिल्ली की बार्डर पर रोक दिया गया है.

-उत्तर प्रदेश गेट पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को रोकने के लिए वॉटर कैनन का इस्तेमाल पुलिस कर रही है. कुछ किसान पुलिस की कर्रवाई में घायल भी हुए हैं.

-गाजीपुर बॉडर में ट्रैक्टर से किसान बैरिकेटिंग हटाने का प्रयास कर रहे हैं.  यहां के हालात तनावपूर्ण हो चुके हैं. किसान ट्रैक्टर से बैरिकेटिेंग हटा रहे हैं. किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़े गये.

गाजियाबाद : विभिन्न मांगों को लेकर हरिद्वार से आ रही किसान क्रांति पदयात्रा दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर सोमवार शाम ही पहुंच गयी थी. इस पदयात्रा के मद्देनजर मंगलवार सुबह से उत्तर प्रदेश गेट पर दिल्ली में घुसने के सभी रास्ते सील कर दिये गये थे लेकिन किसानों ने पुलिस की बैरिकेटिंग तोड़ दी और दिल्ली की ओर कूच कर गये.

यहां भारी संख्या में दिल्ली और यूपी पुलिस बल के साथ पैरामिलिट्री फोर्स भी तैनात की गयी थी ताकि पदयात्रा में शामिल लोगों को कंट्रोल किया जा सके. दिल्ली के साथ उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद और नोएडा में भी भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया था जिससे किसान नाराज थे. किसानों ने प्रसाशन की इस घेराबंदी पर नाराजगी जतायी और पुलिस की बैरिकेटिंग हटाकर आगे बढ़ गये.

इस बीच खबर आ रही है कि लखनऊ से उत्तर प्रदेश के दो सीनियर आईएएस हेलिकॉप्टर से गाजियाबाद भेजे जा चुके हैं. साथ ही अपनी मांगों को लेकर किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मिलने गया है. उनसे मिलकर किसान अपनी मांगे रखेंगे.

भारतीय किसान यूनियन के अध्‍यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि हमें यहां क्यों रोका गया है ? रैली पूरे अनुशासन के साथ आगे बढ़ रही है. यदि हम अपनी सरकार के समक्ष अपनी बात नहीं रख सकते तो हम अपना दर्द किससे कहें… क्या हम पाकिस्तान और बांग्लादेश जाएं ?

कर्जमाफी, गन्ना की कीमतों समेत कई अन्य मांगों को लेकर हजारों किसान दिल्ली बॉर्डर पर मौजूद हैं. किसानों को रोकने के लिए पूरे यमुनापार में धारा-144 लगा दी गयी है.

 

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