10 रु. वाली मैगी अब 12 रुपये में? कृतिम महँगाई से रिटेलर रेट बढ़ाने को मजबूर : लुट रही जनता, लूट रहे होलसेलर। कड़ी कार्यवाही होगी : डीएम

10 रु. वाली मैगी अब 12 रुपये में

कृतिम महँगाई से रिटेलर रेट बढ़ाने को मजबूर : लुट रही जनता, लूट रहे होलसेलर

कड़ी कार्यवाही होगी : डीएम

देहरादून। कोरोना वायरस महामारी के दौर में कुछ मौकापरस्त मौके का लाभ न उठाये, यकीन नहीं होता। ऐसा ही एक कालाबाजारी और कृतिम महँगाई का मामला “पोलखोल” द्वारा आज जिलाधिकारी के संज्ञान में कार्यवाही हेतु लाया गया, जिस पर डीएम साहब ने कड़ी कार्यवाही का आश्वासन दिया।

सूूत्र बताते हैैं कि बच्चों के पसंदीदा आइटम मैगी का मौजूदा उदाहरण देते हुए बताया गया कि होलसेलर और डिस्ट्रीब्यूटर विगत कुछ दिनों से रिटेलर और छोटे दुकानदारों को खाने-पीने के पैक्ड आईटमों पर मनमाने रेट बढ़ाकर दे रहें हैं जिससे रिटेलर का मार्जिन खत्म हो रहा है परिणामस्वरूप उन्हें 10/- रुपये बाला मैगी का पैकेट 12/- रुपये में बेचना पड़ता है।

छोटे दुकानदारों का कहना है कि उन्हें अभी तक मैगी की सौ पैकेट की जो पेटी 8500/- में उनकी दुकान पर होलसेलर उपलब्ध कराते थे वही अब 9600/- में दे रहे हैं और वह भी उनके गोदाम से खुद लाना पड़ रहा है जिस कारण ढुलाई का भी खर्च वहन करना पड़ता है। यही वजह है कि ग्राहक को प्रिंट रेट से अधिक कीमत पर उपलब्ध हो रही हैं। इसी प्रकार अनेकों आइटमों पैक्ड मिल का आटा, मस्टर्ड आयल आदि में भी कृतिम महँगाई और कालाबाजारी के चलते जनता लुट रही है और होलसेलर व डिस्ट्रीब्यूटर्स लूट रहे हैं। ऐसे समय में इन निर्माता कम्पनियों को चाहिए कि वे भी अपने स्तर से कार्यवाही करें व डिस्ट्रीब्यूटर पर लगाम कसे और बदनामी से बचे।

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