अधिकारियों ने खोला अधिकारियों का कच्चा चिटठा

मुख्यमंत्री योगी को भेजी गयी एक “गोपनीय चिट्ठी ” ने आजकल यूपी सरकार में कुछ मंत्रियों की  नींद उड़ा  दी हैं।  ये गोपनीय चिट्ठी वित्त विभाग के अफसरों ने मुख्यमंत्री और राज्यपाल सचिवालय को भेजी है जिसमे एक ताकतवर मंत्री के परिवार और स्टाफ पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं।

चिट्ठी में कहा गया है कि  वित्त मंत्रालय पहले मुख्यमंत्री के पास ही रहता है लेकिन इस बार ये विभाग अलग से एक मंत्री को दिया गया है ।  ये चिट्ठी या यूँ कहे वित्त विभाग का कच्चा चिटठा उत्तर प्रदेश वित्त सेवा के अधिकारीयों ने ही भेजा है जिसमे सीधे सीधे  वर्तमान वित्त मंत्री के निजी सचिव और परिवार के कुछ सदस्यों  पर गंभीर आरोपों का खुलासा किया गया है ।

रिश्वत लेते पकड़े  गए अफसर को मलाईदार पोस्ट 

हालाँकि चिट्ठी किसी अफसर ने अपने नाम से नहीं लिखी है लेकिन इसे पढ़ने से लगता है कि वित्त विभाग के किसी इनसाइडर ने  पोल खोली  है। मूल रूप से आरोप पैसे लेकर भ्रष्ट अफसरों की पोस्टिंग को लेकर हैं। आरोप है कि नगर निगम में रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकडे गए एक अधिकारी को  नॉएडा की मलाईदार कुर्सी पर बैठाया गया है। इसी तरह कुछ अन्य विवादास्पद  और कथित रूप से भ्रष्ट अफसरों को पैसा कमाने वाली पोस्ट पर नियुक्त  किया गया है। ऐसा कहा गया है कि  मंत्री जी के रिश्तेदार और निजी सचिव ट्रांसफर पोस्टिंग में कारगर भूमिका निभाते हैं।

टीवी चैनल ने किया खुलासा, हो रही है जांच 

भ्रष्टाचार के आरोपों से लेस इस चिठ्ठी को सबसे पहले लखनऊ के चैनल इंडिया वाच ने दिखाया।  हालाँकि ये चिठ्ठी लखनऊ से छपने वाले कुछ प्रमुख अखबारों को भी भेजी गयी थी।  उधर शासन के एक अधिकारी ने कहा कि  मामले की जाँच की जा रही है लेकिन चिठ्ठी का असली मकसद योगी सरकार की छवि को ख़राब करना है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की गिनती ईमानदार नेताओं में होती है इसलिए उनके मंत्री पर हमला बोलकर अप्रत्यक्ष तौर पर योगी की छवि को ही नुक्सान पहुंचाया जा रहा है। लेकिन सच ये भी है कि  जिन अफसरों को मलाईदार कुर्सी पर बैठाया गया उनकी सत्यनिष्ठा पर सवाल उठते रहे हैं।

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