…पर नहीं हुई टस से मस सचिव ऊर्जा : फेरबदल

आईएएस सचिन कुर्वे को उद्योग व आवकारी एवं कैप्टन शेखर तिवारी को फिर अपर सचिव ऊर्जा का अतिरिक्त प्रभार!

…पर नहीं हुई टस से मस सचिव ऊर्जा ?

देहरादून। आज शासन ने तीन आईएएस आनंद वर्धन, सचिन कुर्वे एवं कैप्टन आलोक शेखर तिवारी के सम्बंध में आदेश जारी किये हैं जिसके अनुसार आईएएस सचिन कुर्वे को बाध्य प्रतीक्षा से मुक्त कर उद्योग व आवकारी तथा कैप्टन शेखर तिवारी को फिर अपर सचिव ऊर्जा का अतिरिक्त प्रभार देते हुये आनंद वर्धन को और हल्का कर दिया है।

ज्ञात हो कि ऊर्जा विभाग में अब फिर तीन अपर सचिव हो गये हैं। फिर भी भ्रष्टाचार का चरम सीमा पर होना कहुं न कहीं कार्य क्षमता व कार्य कुशलता पर प्रश्न चिन्ह निरंतर लगाता चला आ रहा है क्या कोई और आईएएस उत्तराखंड शासन में है ही नहीं जो इन निगमों और उरेडा का कायाकल्प कर व्याप्त भ्रष्टाचार से मुक्त कर सके? वैसे भी कोई विशेष नये आयाम या कीर्तिमान भी वेदाग रूप से नये स्थापित हुये हों नहीं लगता फिर सचिव के पद पर मैडम विगत लगभग तीन साल से विराजमान हैं जबकि अधिकांश आईएएस सचिवों को कई-कई बार इधर से उधर किया जाता रहा परंतु मैडम की कुर्सी व शासन में मजबूत पकड़ फेवीकोल के एड की याद दिला रही है।

उल्लेखनीय तो यह भी है ऊर्जा विभाग के तीनों निगमों में अनेंको निदेशकों और प्रबंध निदेशकों के पद रिक्त पडे़ हुये हैं फिर भी उनकी विज्ञप्ति जारी नहीं की जा रही है। नियमानुसार रिक्त पडे़ इन जिम्मेदार पदों पर नियमों के विपरीत कृपापात्र जमाये रखे हुये हैं। वहीं आईएएस की कमी वाले उत्तराखंड में इसके दो दो निगमों के एमडी का दायित्व भी है। रिक्तियों के विज्ञापनों को जानबूझ कर होल्ड पर रखना भी कहीं न कहीं भ्रष्टाचार की जीरो टालरेंस और पारदर्शिता एवं स्वच्छ शासन प्रशासन की नीती पर सवालिया निशान लगा रही है।

क्या मुख्य सचिव और प्रदेश के मुखिया इस ऊर्जा विभाग पर भी कुछ आक्रामक कदम सुधार और बेहतरी की दिशा में उठायेंगे?

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