राजनीतिक उपेक्षा से सिविल सेवा की ओर बढ़ा मुस्लिमों का रुझान

राजनीतिक ध्रुवीकरण से उपेक्षित मुस्लिम समाज ने सत्ता पाने के लिए अब सिविल सेवाओं की ओर रुख किया है। देश के कई हिस्सों से युवा छात्र या तो दिल्ली आ रहे हैं या तमाम हिस्सों में अच्छी तैयारी के साथ सिविल सेवा दे रहे हैं। इसी नाते उनका प्रतिनिधित्व पिछले दो सालों में बढ़ा है।

सन 2017 में और सन 2018 में 50 मुस्लिम उम्मीदवारों ने संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास की है। यह नई किस्म की राजनीति का असर है या बढ़ती चेतना का लेकिन पिछले सालों के मुकाबले यह संख्या डेढ़ गुनी बढ़ी है। सन 2013, 14, 15, 16 में संघ लोकसेवा आयोग की परीक्षा में पास होने वाले मुस्लिम उम्मीदवारों की संख्या क्रमशः 30, 34, 38 और 36 थी। लेकिन जब से उन्हें लगने लगा है कि चुनावों में जीत कर संसद और विधानसभा पहुंच पाना कठिन हो रहा है, तबसे उन्होंने नौकरशाही में प्रवेश पाने की तैयारी शुरू कर दी है। देश के लगातार पक्षपाती होते राजनीतिक विमर्श को देखकर उन्होंने ऐसा रुख किया है।

देश में मुसलमानों की आबादी 15 प्रतिशत के आसपास है लेकिन सिविल सेवा में उनका प्रतिनिधित्व 5 प्रतिशत से भी कम है। एमबीबीएस, इंजीनियरिंग,राजनीति, कानून के क्षेत्र में भी मुसलमान कम हैं। इसलिए देश के तमाम मुस्लिम संगठनों ने ऐसे युवकों को तैयार करना शुरू किया है जो इस कमी को पूरा करें। इस काम में जिन संगठनों का नाम लिया जा सकता है उनमें हमदर्द स्टडी सर्किल, लावर्सपुर हाउस, आगाज फाउंडेशन और जकात फाउंडेशन प्रमुख हैं। इस बार चुने गए 50 मुस्लिम उम्मीदवारों में से 26 को तो जकात ने तैयार किया था।

उधर देश के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी इस कामयाबी का श्रेय मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों को दे रहे हैं। लेकिन जकात फाउंडेशन के लोग इसका खंडन करते हैं। उनका मानना है कि डा मनमोहन सिंह ने पहली बार पीएमओ में महमूद नाम के एक आईएएस अधिकारी को ओएसडी बनाया था।

अल्पसंख्यकों के बीच बेहद लोकप्रिय सच्चर कमेटी ने अपनी रपट में कहा था कि 13.4 प्रतिशत आबादी वाले इस समाज के महज 3 प्रतिशत IAS , 1.8 प्रतिशत लोग IFS,  4.0 प्रतिशत  IPS हैं। इसके अलावा संयुक्त सचिव या उससे ऊपर के पद पर 1.33 प्रतिशत लोग भी नहीं हैं। देखना है यह प्रयास कितना सार्थक होता है और कितनी भागीदारी सुनिश्चित कर पाता है और इसमें कितनी चुनौती पेश होती है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *