यूपीसीएल स्टोर में लगी आग प्रकरण में सटोर कीपर सहित सहायक अभियंता पर गाज गिरना तय : जांचे कमेटी गठित?

Polkhol breaking news….!
यूपीसीएल स्टोर  में  लगी आग प्रकरण  में  सटोर कीपर सहित सहायक अभियंता पर गाज गिरना तय : जांचे  कमेटी गठित?
‘तीसरी आंख का तहलका’ पहले ही कर चुका था खरीद घोटाले को उजागर!
देहरादून। ऊर्जा  विभाग  के अधीनस्थू यूपीसीएल के आराघर स्थित स्टोर मे कल शाम लगी या लगाई गई आग बुझने के बाद अब और फैलती नजर आरही है! सूत्रों  की अगर माने  तो इस आग का कारण कई ओर इशारे कर रहा है उनमें  से सबसे महत्वपूर्ण  बात यह है कि जब इन मीटरों की खरीद यूपीसीएल  के द्वारा की गई थी तभी “तीसरी आंख का तहलका ” द्वारा अपने 2अगस्त  के अंक में समाचार  प्रकाशित कर मामले में  की जा रही गड़बड़ी  को उजागर किया गया था, परन्तु यह TSR शासन है जो मानती नहीं  और सुनती भी नही!
 उकत आग के प्रकरण में  एमडी बीसीके मिश्रा ने बताया कि प्रथम दृषटया दो लोगों  को दोषी मानते  हुए निलमबन की कार्यवाही की जारही है जिनमें एक स्टोर कीपर मुकेश  कुमार व दूसरा सहायक अभियंता अनुज अग्रवाल  है। इस पूरे प्रकरण की जांच हेतु चार सदसयीय कमेटी मुख्य अभियंता एम सी गुप्ता  के नेतृत्व  में  गठित कर दी गई  है जिसमें मुख्य अभियंता वरफाल, डीजीएम फाइनेंस एच पी शर्मा  सहित इसंपेकटर अनिल शर्मा  को 10 दिनों  के अन्दर जांच  कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है?
उल्लेखनीय है कि इन मीटरों के प्रकरण  में  यूपीसीएल  द्वारा  पहले ही लीपापोती की जा चुकी है और हमारे समाचार को झुठलाने का प्रयास भी किया जा चुका है। मजे की बात तो यह भी बताई जा रहीहै  कि उक्त सहायक अभियंता ही मीटरों  की खरीद  में  मुख्य अभियंता  (सी एंड पी) के साथ सक्रिय रहा है जिससे निगम  को करोड़ों  की इस खरीद  में  लाखों की चपत लगाना सुनियोजित था और उक्त  आग उसी षड्यंत्र का एक महत्वपूर्ण पार्ट था जिसे बड़ी आसानी से सही  वक्त  पर अंजाम  दे दिया जाना बताया  जा रहा है हालाँकि  अभी भी कुछ का कुछ बताने का कहानी  गढने का प्रयास जारी है क्योंकि  खासमखास  मुख्य अभियंता महोदय  को तो बचाना ही है? दुधारू गाय तो सभी को अच्छी  लगती है और फिर महाशय तो मीडिया मैनेजमेंट से लेकर नेता मैनेजमैंट में  माहिर  हैं ही! देखना गौर तलब होगा कि जनधन की की जारही वरवादी करने वालो को वख्शा जाता है या फिर वास्तविक  दोषियों पर गाज गिरा कर कड़ी  कार्यवाही  की जायेगी?
यंहा यह भी उल्लेखनीय है कि स्टोर में रखे करोड़ों के सामान का वीमा न कराया जाना भी चिंतनीय है! और बड़ों को छोड़ना  छोटों की बलि देना तो एक दस्तूर बन चुका ही है!

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