उत्तराखंड : सरकारी व प्राइवेट स्कूलों के फीस पर दवाव न बनाने एवं स्टाफ का वेतन भी न रोंके जाने के आदेश! उक्त आदेश पर असन्तुष्ट हैं अभिभावक

उत्तराखंड : सरकारी व प्राइवेट स्कूलों के फीस पर दवाव न बनाने एवं स्टाफ का वेतन भी न रोंके जाने के आदेश

अभिभावकों में असंतोष

देहरादून।आज सचिव माध्यमिक शिक्षा द्वारा जारी फीस सम्बन्धी आदेश को लेकर अभिभावकों ने असंतोष जाहिर करते हुये कहा है कि सरकार द्वारा जारी इस आदेश में निजी स्कूली के मालिकों का दबाव साफ झलक रहा है इसीलिए लाकडाउन अवधि या फिर तीन माह की फीस को न लिए जाने के आदेश पारित किए जाने चाहिए था। फीस पर दबाव न बनाये जाने जैसी बात कहना झुनझुना मात्र है, आखिर फीस का बोझ तो अभिभावकों को झेलना ही पड़ेगा, जो उचित नहीं है।

कोरोना महामारी (कोविड-19) को लेकर राज्य में सभी सरकारी और निजी शिक्षण संस्थानों को बंद रखने के निर्देश दिए गए हैं साथ ही राज्य सरकार ने निजी स्कूलों से लॉक डाउन के अंतर्गत छात्र छात्राओं के अभिभावकों को फीस के लिए दबाव न बनाने के सख्त निर्देश जारी किये थे, लेकिन कई निजी शिक्षण संस्थानों में कार्यरत कर्मचारियों को वेतन देने में आ रही परेशानियों के उपरांत सरकार द्वारा कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। आज शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने एक आदेश जारी किया है जिसमें शासकीय, अशासकीय, सहायता प्राप्त और निजी विद्यालयों में पढ़ रहे छात्र छात्राओं के फीस के संबंध में अलग-अलग निर्देश दिए गए हैं।

शिक्षा सचिव द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि प्रदेश मे स्थित समस्त शासकीय, अशासकीय, सहायता प्राप्त एवं निजी विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के ऐसे अभिभावकों से शुल्क जमा करने हेतु अनुमति प्रदान की जाती है जो स्वेच्छा से शुल्क जमा करना चाहते हैं।
जो अभिभावक स्वेच्छा से शुल्क जमा करना चाहते हैं वह वर्तमान माह का ही शुल्क जमा करेंगे विद्यालय द्वारा किसी भी दशा में आने वाले महीनों का अग्रिम शुल्क एक साथ नहीं लिया जाएगा।
इसके अतिरिक्त शिक्षण सत्र 2020 -21 में निजी विद्यालयों द्वारा किसी भी परिस्थिति में किसी भी प्रकार का शुल्क में वृद्धि नहीं की जाएगी।
ऐसे अभिभावक जो वर्तमान परिस्थितियों में आर्थिक समस्या के चलते फीस जमा नहीं कर सकते उनके छात्रों के नाम किसी भी हाल में स्कूल से नहीं काटे जाने चाहिए और उनके ऊपर तब तक फीस के लिए दबाव नहीं बनाया जाएगा जब तक वह सामान्य आर्थिक स्थिति में ना आ सके।
सभी शासकीय अशासकीय सहायता प्राप्त एवं निजी विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक कर्मियों का मासिक वेतन का भुगतान नियमित रूप से किया जाएगा।
यही नहीं प्रश्नगत माह में सभी विद्यालयों में छात्र हित में ऑनलाइन एवं अन्य संचार माध्यमों से शिक्षण कार्य जारी रखा जाएगा।

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