नियामक आयोग ने घोषित किया सराहनीय नया विद्युत टैरिफ! वर्तमान दरों से औसतन 4 प्रतिशत कम हुई दरें

नियामक आयोग ने घोषित किया सराहनीय नया विद्युत टैरिफ

वर्तमान दरों से औसतन 4 प्रतिशत कम हुई दरें

कोरोना संकट का भी रखा घ्यान : सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं को दी राहत

(सुनील गुप्ता ब्यूरोचीफ )

देहरादून। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग द्वारा वर्ष 2020-21 के लिये विद्युत दरों पर आज अपना फैसला सुना दिया गया जिसमेें उत्तराखंड के सभी प्रकार विद्युत उपभोक्ताओं किसी न किसी रूप में राहत प्रदान की गयी है। नियामक आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष श्री डी पी गैरोला, एचजेएस व सदस्य तकनीकी इंजी. एम के जैन की संयुक्त पीठ ने उक्त निर्णय आज फरवरी-मार्च में हुई चार जन सुनवाईयों के पश्चात हस्ताक्षरित किया। उक्त नये टैरिफ में जहां किसानों और नगर के छोटे डेरी वालों को राहत दी गयी है वहीं लघु, मध्यम एवं बड़े उद्योगों के साथ-साथ घरेलू उपभोक्ताओं का 7.86 प्रतिशत अर्थात् 29 पैसे प्रति यूनिट (100 यूनिट के स्लेब पर), 200 यूनिट वाले स्लेब पर 5.42 प्रतिशत कटौती, 300 यूनिट के स्लेब पर 3.40 प्रतिशत तथा इसी प्रकार 400 यूनिट से ऊपर की स्लेब पर 3.19 प्रतिशत की दरों में कमी की है। गौशाला, गौ सदन और लघु डेरी को उद्योग न मानते हुये उन्हें 4 किलो वॉट के कनेक्शन पर (600 यूनिट तक) घरेलू उपभोक्ता की तरह ही दरें प्रभावी होंगी तथा किसानों के निजी नलकूप को मिलने वाली बिजली 2 रूपये 13 पैसे के स्थान पर 2 रूपये 04 पैसे पर अब बिजली मिलेगी। औद्योगिक उपभोक्ताओं पर लगने वाला अविरल आपूर्ति सरचार्ज (CSS) 10 प्रतिशत से घटाकर 7.5 प्रतिशत कर दिया गया है तथा 15 दिन का ग्रेस पीरियड खत्म कर दिया गया है। हिमाच्छादित क्षेत्र/बीपीएल एवं लाइफ लाइन क्षेत्र के उपभोक्ताओं के लिये टैरिफ को घटाकर 1 रूपये 83 पैसे प्रति यूनिट को 12.2कम प्रतिशत कर दिया गया है, साथ ही स्नो बाउंड क्षेत्र गजट न हो पाने के कारण इसका लाभ इन क्षेत्रें के उपभोक्ताओं को नहीं मिल पा रहा था इसके लिये राजस्व विभाग को तत्काल हिमाच्छादित क्षेत्र चिहिन्त कर शीघ्र घोषित करने की सिफारिश की गयी है।

प्रीपेड उपभोक्ताओं को 4 प्रतिशत घरेलू व 3 प्रतिशत एलटी उपभोक्ता को मिलने वाली छूट पहले की भांति यथावत रहेगी। इसी प्रकार अघरेलू (Commercial) उपभोक्ताओं को भी विद्युत दरों में काफी रियायत दी गयी है।

बैटरी चलित वाहनों के लिये पब्लिक इलैक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन की पृथक श्रेणी बनायी गयी है किन्तु इस बार इन पर कोई अलग से कोई दरें लागू नहीं होंगी केवल घरेलू उपभोक्ताओं पर लागू होने वाली दरें ही इन पर भी प्रभावी होगीं।

नियामक आयोग ने देहरादून, उत्तरकाशी व कुमायूं में चम्पावत सहित खुले रूप से जन सुनवाई की थी जिसमें लगभग 43 आपत्तियां आयी थीं उन सभी को दृष्टिगत रखते हुये नियामक आयोग द्वारा दिया गया यह फैसला ‘कोविड-19’ के चलते उत्तराखंड के उपभोक्ताओं के लिये राहत भरा रहा है क्योंकि यूपीसीएल के द्वारा विद्युत दरों में 7.7 प्रतिशत की वृद्धि किये जाने की मांग की गयी थी तथा खर्चे हेतु 7600 करोड़ की स्वीकृति मांगी थी जिसके स्थान पर नियामक आयोग ने इस वर्ष भी 6957 करोड़ की ही स्वीकृति दी है। पिटकुल को वार्षिक राजस्व आवश्यकता (ARR) में 7.56 प्रतिशत की कमी तथा यूजेवीएनएल के 9 पॉवर स्टेशनों को 8 प्रतिशत बढ़ाया है और मनेरी भाली के खर्चे 10 प्रतिशत कम किये हैं। नियामक आयोग द्वारा ऐसे समय में दिया गया फैसला सराहनीय व प्रशंसनीय है, क्योंकि इस समय पूरा प्रदेश कोरोना संकट के दौर से गुजर रहा है। ऐसे में यदि विद्युत दरें बढ़ाई जाती तो यह किसी भी प्रकार से न्याय संगत नहीं होता।
यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक बीसीके मिश्रा ने बताया कि नियामक आयोग द्वारा घोषित टैरिफ प्रथम दृष्टया प्रदेश के 23 लाख 67 हजार उपभोक्ताओं के लिये राहत देने वाला है जो वर्तमान में कोरोना संकट को देखते हुये सदभावी प्रतीत हो रहा है। यूपीसीएल सदैव अपने उपभोक्ताओं का पक्षधर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि नियामक आयोग के फैसले का अध्ययन करने के उपरांत ही कुछ कहना संभव होगा। उन्होंने यह भी बताया कि पूरे प्रदेश में वैसे तो गिनती में 24 लाख 82 हजार उपभोक्ता हैं जिनमें 20 लाख 70 हजार घरेलू उपभोक्ता तथा 2 लाख 25 हजार अघरेलू (Commercial) तथा 13 हजार 700 सौ औद्योगिक उपभोक्ता व शेष अन्य श्रेणी के उपभोक्ता भी हैं।

ज्ञात हो कि देहरादून में हुई जन सुनवाई के दौरान एक आम उपभोक्ता के हैसियत से ब्यूरो चीफ सुनील गुप्ता ने भी यूपीसीएल, पिटकुल एवं यूजेवीएनएल के द्वारा किये जा रहे बेतहाशा खर्चों व समयावधि के अंदर परियोजनाओं का पूरा न होना और व्याप्त भ्रष्टाचार व घोटालों पर नकेल कसे जाने की चर्चा करते हुये नियामक आयोग के समक्ष आपत्ति प्रकट करते हुये अपील की थी कि जब यूपीसीएल सस्ती दरों पर बिजली खरीद रहा है तो फिर उपभोक्ताओं पर विद्युत दरों में ऊर्जा प्रदेश के उपभोक्ताओं पर वृद्धि किया जाना न्याय संगत नहीं होगा।

नियामक आयोग द्वारा आज विद्युत टैरिफ पर दिए गये निर्णय पर अनेकों उपभोक्ताओं ने राहत भरी साँस लेते हुये इसे संतोष जनक बताया है।

 

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