मेरठ पुलिस की साइबर क्राइम सेल ने लोन और नौकरी दिलाने के नाम पर ठगने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने सोमवार को शारदा रोड पर चल रही फर्जी फाइनेंस कंपनी के दफ्तर पर छापा मारकर छह युवक-युवतियों को गिरफ्तार किया है। यहां पर कई राज्यों के बेरोजगारों को लोन-नौकरी दिलाने का झांसा देकर लाखों रुपये की ठगी करने का खुलासा हुआ है। यहां से भारी मात्रा में फर्जी दस्तावेज बरामद हुए हैं। पुलिस सभी अभियुक्तों से पूछताछ कर रही है।
साइबर सेल प्रभारी रविंद्र चंद पंत ने बताया कि सोमवार शाम शारदा रोड स्थित अग्रवाल कॉम्पलेक्स के द्वितीय तल पर बने एक ऑफिस में छापेमारी की गई। इस ऑफिस के बाहर कोचिंग इन्सटीट्यूट का बोर्ड लगा था, लेकिन अंदर काम लोन का हो रहा था। यहां पर दो युवक और चार युवतियां बैठे मिले। पूछताछ में अभियुक्तों ने बताया कि वह लोन दिलाने के नाम पर 2500 रुपये और नौकरी दिलाने के नाम पर 1000 रुपये प्रोसेसिंग फीस वसूलते हैं। युवतियों ने ग्राहकों को कॉल करके झांसे में लेने की बात कुबूली। युवतियों ने कहा कि वह यहां पर पांच-छह हजार रुपये वेतन पर यहां जॉब करती हैं।
साइबर सेल को फर्म रजिस्ट्रेशन से संबंधित कोई दस्तावेज नहीं मिला। पुलिस ने मौके से सात मोबाइल, छह रजिस्टर और एफलॉन सर्विसेज कंपनी के लोन स्वीकृति पत्र बरामद किए हैं। छह रजिस्टरों में उन लोगों का ब्यौरा है, जिनसे ठगी हुई है। लोगों को एक प्रतिष्ठित टेलीकॉम कंपनी में नौकरी दिलाने का झांसा दिया जा रहा था। पुलिस ने इस मामले में सिकंदर अली निवासी छोटी दुर्गाबाड़ी थाना सदर और संदीप निवासी गोकुल विहार रोहटा रोड व चार युवतियों को गिरफ्तार किया है। जबकि फर्जी कंपनी का मुख्य डायरेक्टर साहिल दीवान उर्फ वसीम, गुलफाम, आस मोहम्मद और नईम फरार हैं। देर रात चारों युवतियों को ब्रह्मपुरी थाने से 41-ए का नोटिस देकर जमानत पर छोड़ दिया गया।