जयपुर: राजस्थान की राजधानी जयपुर में एक क्षेत्र ऐसा भी है जहां की नालियों में सोना बेहता है और इस सोने को निकालने के लिए कई लोग हमेशा तैयार नजर आते हैं. दरअसल, जयपुर के चारदिवारी क्षेत्र की नालियों में सोना बेहता है और वहां सोने को इक्टठ्ठा करने के लिए कई लोगों की भीड़ मौजूद रहती है.
इतना ही नहीं इस क्षेत्र में ऐसी एक नहीं बल्कि सैंकड़ों नालियां है जिसमें सोना बेहता है. यहां नालियों से सोना निकालने का काम करने वाले कई लोग काफी अमीर भी हैं और इस काम को बरसों से करते आ रहे हैं. इन लोगों को नालियों में बहते गंदे पानी और सोने के कणों में फर्क करने की इतने तेज परख हैं कि सोने का पानी आते ही ये लोग नाली में बहते गंदे पानी से सोने को अलग कर लेते हैं.
गौरतलब है कि जयपुर के चारदिवारी क्षेत्र में बड़ी तादात में सोने, चांदी की कारीगरी का काम होता हैं. सोने की घड़ाई और कारीगरी में जो सोना पानी के साथ नालियों में बहकर जाता हैं उसे ये लोग निकालने का काम करते हैं. काफी बरसों से ये काम करते आने के कारण अब इन लोगों के लिए यही काम धंधा बन गया है. नाली से सोने को निकालर ये लोग बेचते हैं जिससे इन्हें रोज के 300 रूपए से 2 हजार रूपए तक मिल जाते हैं. बड़ी बात ये है कि गंदे पानी और मिट्टी के बीच से सोने के छोटे छोटे कड़ो को इकट्टा करके निकालना हर किसी के बस की बात नहीं हैं. इन लोगों के लिए सोने और मिट्टी के कड़ो के बीच में फर्क करना मामूली खेल हैं. इस काम को करने के लिए इन मजदूरों के पास एक चलनी, झाडू़, ब्रश और परात होती है.
पहले नाली से पानी के साथ साथ मिट्टी के कणों को इकट्टा किया जाता है और फिर इस गंदे नाली के पानी से सोने को निकालने के लिए ये मजदूर इस गंदे पानी और मिट्टी को साफ पानी से बड़ी सफाई से साफ करते हैं और फिर चूने के पानी से सोने और बचे हुए मिट्टी के कणों को अलग किया जाता है. जयपुर के जौहरी बाजार और इसके आस पास के इलाके में सोने चांदे के आभूषण बनाने का काम सालों से चला आ रहा हैं.