साल 2014 में शराब के एक खास ब्रांड को प्रमोट करने के आरोप में हरीश रावत सरकार पर लगे थे, जिसे एफएल-2 घोटाला कहा जाता है. इस घोटाले की जांच के लिए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने 5 माह पहले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को एक पत्र लिखा था, लेकिन अब तक इस मामले में कोई कार्रवाई नजर नहीं आई. मामले में अब कांग्रेस नेता किशोर उपाध्याय ने सवाल खड़े किए हैं कि जिसे भाजपा बड़ा घोटाला बता रही थी, उस पर चुप क्यों है?.
हरीश रावत सरकार के कार्यकाल में भाजपा ने एफएल-2 घोटाले के मुद्दा कई बार उठाया. आरोप था कि 2014 के आम चुनाव के दौरान आबकारी नीति में बदलाव किए गए, जिसका फायदा शराब बनाने की एक खास कंपनी को पहुंचाया गया. कांग्रेस नेता किशोर उपाध्याय ने आरोप लगाते हुए कहा कि जिसे भाजपा घोटाला बता रही थी, उस पर रावत सरकार डेढ़ साल से चुप है, आखिर मामले की जांच क्यों नहीं हो रही है.
मामले को लेकर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने इसी साल 15 मई को मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था, लेकिन अजय भट्ट की तरफ से जांच की मांगर पर सरकार कहीं सक्रिय नजर नही आई. सवाल यह है कि एक तरफ भाजपा जांच पर गंभीर नहीं दिख रही है तो दूसरी तरफ कांग्रेस के राज में हुए घोटाले को लेकर कांग्रेस के ही नेता सवाल उठा रहे हैं.
आपको बता दें कि विदेशी शराब से जुड़ा एफएल-2 घोटाला करीब 100 करोड़ रुपये का है. सवाल उठता है कि एनएच-74 की तहर इस घोटाले की जांच में जीरो टॉलरेंस की सरकार सुस्त क्यों हैं, वहीं किशोर उपाध्याय के इस सवाल ने राजनीति को गर्म हवा दी है.