सरकार ने रसोई गैस की कालाबाजारी पर शिकंजा कसने के लिए ऑनलाइन व्यवस्था तो कर दी, लेकिन यह धंधा करने वालों ने इसका भी तोड़ निकाल लिया। कई उपभोक्ताओं का कहना है कि एजेंसी संचालकों ने सूचना दिए बिना उनके नाम से दो से तीन सिलेंडर लेने शुरू कर दिए हैं। जब बिना बुक किए उपभोक्ताओं के खातों में सब्सिडी पहुंची तो इसका खुलासा हुआ। यह खेल दून की अधिकांश एजेंसियों पर चल रहा है।
मसलन, बंजारावाला निवासी भावना ने बताया कि उनके खाते में 10 अक्तूबर को सब्सिडी पहुंच गई, लेकिन गैस सिलेंडर नहीं आया, जबकि इस माह में गैस की बुकिंग ही नहीं कराई है।
गैस सिलेंडर की बुकिंग नहीं की लेकिन खाते में सब्सिडी आ गई
देहराखास निवासी प्रीति ने बताया कि दो माह से गांव गई हुई थी। इसलिए सितंबर और अक्टूबर में गैस सिलेंडर की बुकिंग नहीं की लेकिन खाते में दोनों बार सब्सिडी आ गई। इसी तरह बंजारावाला निवासी अरुणेश भी चकित हैं कि बिना गैस बुक कराए खाते में 12 अक्टूबर को सब्सिडी आ चुकी है।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने दो साल पहले रसोई गैस की कालाबाजारी को रोकने के लिए सिलेंडरों की ऑनलाइन व्यवस्था लागू की थी। नई व्यवस्था के तहत उपभोक्ताओं को पूरे दाम में सिलेंडर दिया जाने लगा। जिसकी सब्सिडी उनके खातों में ट्रांसफर की जाने लगी।