गौरा देवी कन्याधन योजना में लाभार्थियों को जारी धन बीच में ही ‘गायब’ हो गया। इसका खुलासा तब हुआ जब इंदिरापुरम निवासी चमन सिंह तोमर अनुदान की राशि की जानकारी लेने समाज कल्याण विभाग पहुंचे।
इस दौरान सामने आया कि विभाग की ओर से 2016 में उनके खाते में धनराशि ट्रांसफर कर दी गई थी। जबकि चमन सिंह ने बताया कि उनके खाते में रुपये पहुंचे ही नहीं हैं। वह एक साल से विभाग के चक्कर काट रहे हैं। इस संबंध में समाज कल्याण सचिव रणवीर सिंह से भी गुहार लगाई लेकिन कोई रिस्पांस नहीं मिला।
उल्लेखनीय है कि साल 2017 से शासन ने समाज कल्याण विभाग की ओर से संचालित गौरा देवी कन्याधन योजना और महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से संचालित नंदा देवी योजना को एक कर नंदा-गौरा योजना नाम दे दिया था। इस योजना के संचालन का जिम्मा महिला एवं बाल विकास विभाग को सौंपा गया है।
2016 में आए थे 458 आवेदन, 252 को ही मिला लाभ
इससे पहले गौरा देवी कन्याधन योजना के तहत 12वीं कक्षा पास करने वाली छात्राओं को 50 हजार रुपये की अनुदान राशि दी जाती थी। जिससे छात्रा अपनी आगे की पढ़ाई कर सके। स्थिति ये है कि कन्याधन मिलने की आस में छात्राएं शासन और समाज कल्याण विभाग के चक्कर काट रही है लेकिन हर जगह से उन्हें बैरंग लौटना पड़ रहा है।
गौरा देवी कन्याधन योजना का लाभ पाने के लिए साल 2016 में जिले में 458 छात्राओं ने आवेदन किया था। इनमें करीब आधा बजट मिलने पर विभाग की ओर से 252 छात्राओं को लाभान्वित कर दिया गया था। बाकी 206 विभाग के चक्कर काट रही हैं।
योजना अब महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित की जा रही है। अगर ऐसे कोई मामला है तो इसकी जांच कर कारण की जांच की जाएगी। – अनुराग शंखधर, समाज कल्याण अधिकारी