सचिव ऊर्जा के आक्रामक रुख पर प्रहार!! स्टोर में आग लगी या लगवाई गयी. – Polkhol

सचिव ऊर्जा के आक्रामक रुख पर प्रहार!! स्टोर में आग लगी या लगवाई गयी.

Big breaking news……!?!
“पोलखोल समाचार”
सचिव ऊर्जा के आक्रामक रुख पर प्रहार!!
स्टोर में आग लगी या लगवाई गयी….?
बिजली चोरी की न खुले पोल का डर या माफियाओं के हाथ?
देहरादून। उत्तराखंड का ऊर्जा विभाग जो सदैव जनता को विद्युत करेंट के झटके देते तो जब तब देखा गया है परंतु अब तो सचिव ऊर्जा को झटका लग जाये, ऐसा फार्मूला आग लगने का इतनी जल्दी तैयार हो जाएगा इस पर यकीन तो नही होता- पर आग भी लग गयी और झटका भी देदिया गया!!
ज्ञात हो कि देर शाम आज आराघर स्थित यूपीसीएल के स्टोर डिविजन में एकाएक लगी भीषण आग ने जहां लाखों की राज्य संपत्ति को जलाकर सुपरदे खाक कर दिया वहीं आशंका यह भी व्यक्त की जा रही है की यह आग लगी नही बल्कि लगवाई गयी, क्योंकि गत दिवस सचिव ऊर्जा ने खुद लक्सर हरिद्वार क्षेत्र में विगत दिनों चोरी के एक मामले में जांच कर पिटकुल और यूपीसीएल के अधिकारियों को जांच कर कार्यवाही के कड़े आदेश जारी किए थे जिस पर यूपीसीएल के द्वारा लगभग लगभग क्लीनचिट दे दी गयी थी। परंतु सचिव ऊर्जा उक्त लीपापोती से संतुष्ट नही थीं और उसी का परिणाम था कि अचानक छापामार कार्यवाही मैडम द्वारा खुद की गई और अनियमितताएं पायीं गयीं थी! मैडम के कड़े रुख को देखते हुए यूपीसीएल के इन तथकथित चतुर व बैठे-बैठे उंगलियों पर नचाने की कला के माहिर अधिकारियों द्वारा आज ये गुल खिला दिया गया जैसा कि पहले सहस्त्रधारा रॉड स्थित स्टोर से अवैध रूपसे चुपचाप माल बेचा जा चुका था तथा उस मामले मे इसलिए एक दोषी अभियंता बच गया था क्योंकि उसका आका अभियंता मुख्यालय में ही था, जो आज भी वर्तमान एमडी का सबसे खासमखास मुख्य अभियंता बना हुआ है और उसकी राजनैतिक खासी पकड़ भी बताई जा रही है! बताया तो यह भी जा रहा है ताकि ना रहे बाँस और ना बजे बाँसुरी के अनुसार स्टोर में रखे मीटरों में खेले जा चुके खेल व कितना तार जल गया और कितना चुपचाप बिकवा दिया गया की कहीं पोल ना खुल जाए का इससे बेहतर कोई और तरीका नही था और यह भी नही पता था कि ना जाने कब मैडम की गाड़ी का रुख इधर भी हो जाये, पता नहीं था?
ज्ञात हो उक्त मुख्य अभियन्ता मीडिया मैनेज भी खासी महारथ रखता है जो इस आग लगने के पीछे कहि ना कहीं जुड़ा हुआ भी बताया जा रहा है समाचार लिखे जाने ताख कोई भी अधिकारी मुँह खोलने को तैयार नही था ऐसी लिए सभी ने चुप्पी साध रखी थी!
देखना गौर तालाब होगा कि आग लगी या लगवाई जे कारणों की जांच व सत्यता को उजागर कराया जाएगा या फिर ये भी अन्य मामलों की तरह दाव कर रह जायेगा और कार्यवाही के नाम पर किसी छोटे की बलि देकर इतिश्री कर ली जाएगी!!
बताया तो यह भी जा रहा है कि 70-80 लाख की कीमत का स्क्रैप व केबिल तारों का भारी स्टॉक था?

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