(पोलखोल कोरोना)
क्या पर्दे के पीछे के बड़े कालाबाजारियों और भूसा स्टोर मालिकों पर भी होगी कार्यवाही
जनता लुटने में पस्त और अधिकारी मस्त!
6दिन में 600/- से 1400/-@ कुन्टल हुई भूसे की कीमत?*
देहरादून। करोना वायरस जैसी महामारी और राष्ट्रीय आपदा हो या कोई और सरकारी मशीनरी, के कुछ भ्रष्ट लोगों के कारण ही कालाबाजारी कर लूटखसोट मचाने बालों को यदि देशद्रोही ही कहा जाये तो ठीक होगा, क्योंकि ये सक्रिय हो जाते हैं।
ऐसी ही लूट का एक मामला उत्तराखंड की राजधानी देहरादून का प्रकाश में आया है। इस खुली लूट मचाने वालों में केवल सब्जी, राशन और दूध बेचने वाले दुकानदार और ठेलीवाले ही शामिल नहीं है बल्कि पर्दे के पीछे के भी दुकानदार और स्टाकिस्ट भी हैं जो मौके का अनुचित लाभ उठाते हुये अप्रत्याशित कीमतें बढ़ाकर कालाबाजारी कर रहें हैं।
इन कालाबाजारी करने वालों में यहाँ के भूसा स्टोर वाले भी हैं जो सीधे न सही बल्कि अप्रत्यक्ष रूप से विगत एक सप्ताह में भूसे के दाम 600/-@कुन्टल से बढ़ाकर पहले 800/- और अब 1400/-@ कुन्टल कर दिए, जिससे जनता को दूध बेचने वाले डेयरी मालिक खासे परेशान हैं। दबीजुबान से उनका कहना है कि यदि वे किसी से इसकी शिकायत करते हैं तो सहारनपुर रोड स्थित एक बड़े भूसा स्टोर मालिक उन्हें भूसा देने से मना कर देता है।
क्या जिलाधिकारी चाहते हैं कि दूध सही कीमत पर डेरी वाले सप्लाई करें, तो इन भूसा स्टोर बाले लुटेरों पर जिनके द्वारा भूसे के बेतहासा बढ़ाये गए पर भी अंकुश लगाएँ और कड़ी कार्यवाही करें!
क्या ऐसे ही इन दुधारू पशुओं को भूखे मरने छोड़ दिया जायेगा और दूध महंगा बिकेगा?
उदाहरण के लिए इन तीन कैशमेमो के नाम पर पर्चियाँ को देखिये जो बता रही है कि एक सप्ताह में 600/-@कुंतल से बढ़ाकर1400/-@ कुंतल में डेयरी बालों को बेचा जा रहा है भूसा! क्या लूट खसोट रुकेगी? और इन कालाबाजारियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही होगी या फिर उन्हीं तथाकथित भ्रष्ट अधिकारियों की ही इन पर देखभाल की जिम्मेदारी सौंप दी जायेगी जो पहले से ही इन देशद्रोहियों के साथ मिलकर पौबारह कर रहें हैं!
वैसे उल्लेखनीय तो यह भी है कि राजधानी में जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन का कोई भय नहीं दिखाई पड़ रहा है तथा न ही कोई रेटलिस्ट जनहित में एक सप्ताह बीत जाने के बावजूद अभी तक जारी की गई है।
इन कालाबाजारी करने बाले ठेलीबाले व दुकानदार सब्जी, राशन के मनरजी से दाम बढ़ाकर आलू 40 और 50/-@किलो. आटा 40/- दालें 120/-@किलो आदि की दरों पर बिना खौफ के खुलेआम धड़़ल्ले से बेच रहें हैं तथा अधिकारी आँख कान बंद किए चुपचाप जनता को लूटने का तमाशा देख रहे हैं।