उत्तराखंड के मैदानी क्षेत्रों में भी गेंहूँ की फसल की कटाई को लेकर किसान चिंतित | लॉकडाउन जारी रखने पर लगाई कैवनेट ने, केंद्र से करेंगे चर्चा – Polkhol

उत्तराखंड के मैदानी क्षेत्रों में भी गेंहूँ की फसल की कटाई को लेकर किसान चिंतित | लॉकडाउन जारी रखने पर लगाई कैवनेट ने, केंद्र से करेंगे चर्चा

उत्तराखंड के मैदानी क्षेत्रों में भी गेंहूँ की फसल की कटाई को लेकर किसान चिंतित

लॉकडाउन जारी रखने पर लगाई कैवनेट ने इन मुद्दों पर मुहर, केंद्र सरकार से करेंगे चर्चा

देहरादून। पूरे देश में कोरोना सक्रमण लगातार बढ़ रहा है जमातियों के कारण उत्तराखंड में भी कोरोना पाजिटिव की संख्या बढ़ती ही जारही है। कोरोना संकट के बीच आज उत्तराखंड मुख्य मंत्री त्रिवेन्द्र कैबिनेट बैठक आयोजित की गई।

बैठक में 6 बिंदुओं पर विचार विमर्श किया गया। प्रदेश में कोरोना की ताजा स्थितियों पर चर्चा की गई।

ज्ञात हो कि आज फिर एक और जमाती हरिद्वार जनपद में करोना पाजिटिव निकला, जिसे लेकर यह संख्या 32 तक पहुँच गयी है।

प्रवक्ता मदन कौशिक ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी दी।

राज्य सरकार केंद्र सरकार से लॉकडाउन को लेकर करेगी चर्चा। राज्य सरकार ने सारे निर्णय केन्द्र सरकार पर छोड़े हैं।

चर्चा के बाद यह तय किया गया है कि केंद्र सरकार को लाॅकडाउन बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जा रहा है।

-अवधि बढ़ाने पर अंतिम फैसला केंद्र सरकार को ही लेना है।

-प्रदेश के सभी मंत्रियो और विधायकों का वेतन से 30 प्रतिशत की कटौती की जाएगी।

-सभी विधायको की विधायक निधि से आने वाले 2 सालों में एक एक करोड़ रुपये की राशि की कटौती की जाएगी।

-उत्तराखंड चिकित्सा सेवा विभाग में लैब टेकनिशियन के पदों की सेवा नियमावली को मंज़ूरी, 347 पदों पर भर्ती का रास्ता साफ़।

-राज्य में कोरोना टेस्ट की जांच लायी जा रही है तेजी।

-823 पॉजिटिव मरीजों के लिए राज्य के पास है बेड।

-राज्य में 251 वेंटिलेटर राज्य के पास है, 455 राज्य के पास आईसीयू है, 31 हज़ार 77 राज्य में एन-95 मास्क उपलब्ध है।

-राज्य में कोरोना के लिए अवश्यकता अनुसार पर्याप्त इंतज़ाम।

-राज्य में खाद्य सामग्री ख़ुद नहीं कर पाएंगे वितरण। प्रशासन के ज़रिए दी जाएगी राहत।

-राज्य में चार तरह के राशन कार्ड पर सरकार का फ़ैसला।

-मंत्री विधायक प्रभारी मंत्री घर से ही करेंगे विकास समीक्षा।

इस कैबिनेट के अतिरिक्त कुछ विद्वान लोगो का यह भी कहना है कि प्रदेश सरकार को खेतों में पर चुकी गेहूँ की फसल के कटान के बारे में भी कोई योजना बनाकर घोषणा करनी चाहिए कि उत्तराखंड के तराई क्षेत्र सहित हल्द्वानी, ऊधम सिंह नगर, हरिद्वार व देहरादून जनपद की उन क्षेत्रों में जहाँ कृषि भूमि अधिक है तथा उसमें इस समय गेहूँ की फसल करने के लिए तैयार है। वहीं इस तथ्य को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए कि इन्हीं क्षेत्रों मे जमातियों के कोरोना पाजिटिव होने के मामले भी अधिक सामने आये हैं। यही नहीं उत्तराखंड के इन जनपदों के किसानों की खेती पड़ोसी प्रान्तों विशेषकर सहारनपुर, बिजनौर और मुज्जफर नगर आदि में भी है, ये कृषक कैसे अपनी फसल कटवा सकेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *