जि.वि.से. प्राधिकरण ने तीन जवान बच्चियों को सुरक्षित परिजनों तक पहुँचा, कायम की मिशाल
(सुनील गुप्ता)
देहरादून। कभी-कभी हम या हमारा समाज और उसमें छिपी दखियानूसी के चलते व उनसे उपजे तीखे शब्दों के प्रहार किसी अनहोनी का कारण बन जाते हैं और इस बजह से न जाने कितने अकारण ही निर्दोष इसके शिकार हो जाते हैं। इस प्रकार की घटित होने वाली ऐसी ही एक अकल्पनीय घटना को जिला सेवा प्राधिकरण की सचिव एवं जज नेहा कुशवाहा के नेतृत्व में कार्यरत पीएलवी ने बड़ी सूझ बूझ से टाल दिया तथा इन तीनों बेटियों को सकुशल उनके परिजनों के हवाले कर दर-दर भटकने से बचा लिया।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार लाकडाउन के शुरू होने से दो चार दिन पहले ही चमोली जनपद की ये तीनों युवतियाँ देहरादून के दीपनगर के एक मकान में किराये पर रहने आईं थी, परन्तु लाकडाउन के शुरु होते होते इनमें से दो के चेहरों पर कुछ निशान और दाग (पिम्पल्स) आदि दिखाई पड़ने लगे जिन्हें देख कोरोना से आतंकित मकान मालिक व उसके परिजनों ने तरह तरह की फब्तियाँ इन पर कसनी शुरु कर दीं, यही नहीं अप्रत्यक्ष रूप से कमरा खाली करने का दबाव भी इन पर बनाया जाने लगा। इन फब्तियों से परेशान होकर विगत दो-चार दिन पहले ये तीनों सुबह सबेरे चुपचाप कमरे से निकल पड़ीं और माल देवता के पास मरोडा पुल के निकट अपनी एक साथी युवती के मंगेतर (फियोन्सी) के घर पहुँच गयीं।
परन्तु होनी को शायद यह भी मंजूर नहीं था और वहाँ भी इन बिचारी युवतियों को तरह तरह की बातें और कमेन्टस सुनने पड़ रहे थे जिन्हें सहन न कर पाने से ये तीनों युवतियाँ फिर आज सुबह लाकडाउन में ही बिना किसी मंजिल के अनजान जंगल की ओर चुपचाप निकल पड़ीं।
जाको राखे साईंया बाल न वाँका होय की कहावत को चरितार्थ करते हुये किसी अनजान व्यक्ति ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के प्रचारित मोबाइल नम्बर पर फोन करके इन तीनों युवतियों के जंगल की ओर चले जाने की सूचना दी। मौके की नजाकत और स्थिति को भाँपते हुये जज नेहा कुशवाहा के तत्काल हस्तक्षेप पर रायपुर पुलिस की मदद से इन तीनों द्विगभ्रमित युवतियों लक्ष्मी, सरिता और रितू (काल्पनिक नाम) को सकुशल ढूँढ लिया गया और पूछताछ करके उनके डी एल रोड पर रहे एक परिजन के हवाले सौंप कर सुरक्षित कर दिया गया तथा अभिभावकों को सूचना देदी गई।
उल्लेखनीय है कि जब तक उक्त तीनों बच्चियाँ सुरक्षित नहीं हो गई तब तक निरन्तर जज नेहा व पीएलवी गम्भीरतापूर्वक अपने दायित्व को बखूबी निभाने रहे।
इस तरह के सराहनीय और प्रशंसनीय कार्य से कल्पना से परे अनहोनी घटना को टाल कर इन तीनों युवतियों को बचा लिया गया।
यह भी ज्ञात हो कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के आधीन कोरोना महामारी ‘कोबिड 19’ के चलते राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण उत्तराखंड के आधीन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देहरादून की सचिव एवं सिविल जज सीनियर डिवीज़न नेहा कुशवाहा द्वारा अनेकों समाज व जन सेवा के सरोकारों से जुड़े कायों को किया जा रहा है।