वाह रे, वाह! ऊर्जा विभाग! बिना सुरक्षा किट के ही चढ़ा दिया मरने के लिए
लक्सर, सुल्तानपुर के लाइनमैन की करंट से हुई मौत
13 घंटे बाद भी नहीं कराई गई लापरवाही की रिपोर्ट दर्ज
अधिकारियों की सम्बेदनहीनता का भी जबाब नहीं!
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देहरादून। एक तरफ कोरोना महामारी के चलते सरकार व सरकारी तन्त्र एक-एक ब्यक्ति की जान बचाने के लिए जी जान से लगा हुआ है वहीं यूपीसीएल के अधिकारियों की सम्बेदनहीनता का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि लगभग 12-13 घंटे बाद भी हरिद्वार लक्सर के अधिशासी अभियंता द्वारा उक्त तथाकथित प्रथम दृष्ट्या लापरवाही की कोई रिपोर्ट पुलिस में दर्ज नहीं कराई गई हैऔर न ही कोई तत्काल दी जाने वाली विभागीय आर्थिक सहायता आदि परिजनों को दी गई। यहीं नहीं उक्त घटना पर पर्दा डाले जाने की भी चर्चा को इसलिए भी नकारा नहीं जा सकता क्योंकि इसमें विभागीय नियमों के अनुसार एक्सियन और सहायक अभियंता की लापरवाही साफ झलकती नजर आ रही है। बिना सुरक्षा किट के ही चढ़ा दिया मरने के लिए लाइनमैैैन अशोक को।
ज्ञात हो कि सुबह लगभग साढ़े आठ बजे की घटना है जब एक लाइनमैन युवक अशोक कुमार 11के.वी लाईन के फाल्ट को सही करने के लिए सुल्तान पुर मेन बाजार में लगे ट्रान्सफार्मर पर चढ़ गया और दूसरी ओर किसी के द्वारा करंट चालू कर दिया गया। जिससे हाई वोल्टेज करंट से बेचारा मौत के मुँह में समा गया।
इस घटना के बारे में जब “पोलखोल” द्वारा जानकारी चाही गई तो 12घंटे बीत जाने के उपरांत तक न ही अधीक्षण अभियन्ता रवि राजौरा और न ही मुख्य अभियन्ता एस के टमटा को कोई जानकारी थी, वे भी यही कहते नजर आये कि अभी तक उनके पास कोई अधिकारिक जानकारी नहीं हैं और रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है। यही नहीं उल्लेखनीय तो यह भी है कि एमडी साहब ने भी फोन उठाना और कोई जानकारी देना उचित नहीं समझा जबकि उन्हें व निदेशक परिचालन को भी घटना की वीडियो जो हमें कहीं से प्राप्त हुई, भेजी जा चुकी थी और जानकारी की अपेक्षा की गई। हड़कम्प तो मचा पर एमडी साहब नहीं जागे!
दूसरी ओर थाना इंचार्ज लक्सर ने बताया कि मृतक अशोक कुमार के शव का पोस्टमार्टम कराने के उपरांत पंचनामा भरकर परिजनों को सौंप दिया गया है। तेरह घंटे बीत जाने के बाद भी रात्रि 10 बजे तक कोई तहरीर थाने को प्राप्त नहीं हुई।
बताया जा रहा है कि जब उक्त लाइनमैन शटडाउन लेकर आया और लाइन पर काम कर रहा था तो लाईन में करंट किसे आदेश पर चालू कर दिया गया।
निदेशक परिचालन अतुल अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने अधिशासी अभियंता रवि को तत्काल पूरी रिपोर्ट उपलब्ध कराने जाने के आदेश कर दिए हैं तथा सर्व प्रथम पीढ़ित परिवार को विभागीय नियमानुसार जो भी आर्थिक सहायता प्रथम दृष्टया मिलनी चाहिए, दिये जाने के आदेश दे दिए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि बिना अधिशासी अभियंता की उपस्थिति के 11के.वी. लाइन पर न ही कोई शटडाउन लिया जा सकता है और न ही कोई काम हो सकता है!
उल्लेखनीय यह भी है कि TSR सरकार की सम्बेदनशीलता, पारदर्शिता और भ्रष्टाचार व नेगलीजेंसी पर जीरो टालरेंस की नीति को किस तरह ये अधिकारी ठेंगा दिखा रहें हैं या फिर निभा रहे हैं उसकी बानगी भी उनके द्वारा अपनाई जा रही कार्यप्रणाली से साफ नजर आ रही है।