यूपीसीएल – लक्सर लाइनमैन प्रकरण… जो भी दोषी होगा उसके विरूद्ध होगी कार्यवाही : वीसीके मिश्रा, एमडी “पोलखोल” की खबर पर लिया संज्ञान : एमडी हताहत की सहायता करेंगे अब साहब! न ट्रिपरिले ने काम किया और न ही नियमों और आदेशों ने देहरादून। गत दिवस प्रातः 9 बजे करीब हरिद्वार लक्सर के सुल्तानपुर बाजार में 11के वी लाइन पर काम कर रहे यूपीसीएल के कर्मचारी अशोक कुमार की हुई दुखद मृत्यु पर आज एमडी श्री वीसीके मिश्रा ने बताया कि उन्होंने “पोलखोल” की खबर का संज्ञान उसी समय ले लिया और जाँच रिपोर्ट आज शाम तक प्रस्तुत करने के आदेश कर दिए है। उन्होंने यह भी कहा है कि हताहत परिवार को जो भी सम्भव सहयोग होगा, किया जायेगा। यहाँ यह भी उल्लेखनीय व आश्चर्यजनक है कि दूसरे दिन तक तेज तरार्र एमडी को पूरी जानकारी महज 60-70 कि.मी. दूर से अपने अधीनस्थ भारी भरकम अगले से प्राप्त ही नहीं हुई। यकीन नहीं तो सुनिए…
ज्ञात हो कि कल सुबह लाइनमैन अशोक कुमार फ्यूज ठीक करने के लिए शटडाउन लेने के पश्चात बैंक के सामने लगे ट्राँसफार्मर पर चढ़ा और काम कर ही रहा था कि 11 केवी की लाईन में करंट से फ्यूज बाँधते-बाँधते अपने ही जीवन लीला का ही फ्यूज उड़वा गया। मृतक अशोक कुमार 15-20 साल से यूपीसीएल में वखूबी संविदा पर काम कर रहा था। मृतक अपने पीछे पत्नी सहित 3बेटियाँ और 2 पुत्र एवं बूढ़े माँ बाप को विलखता छोड़ गया। उसकी बड़ी बेटी अभी 17 साल की है। पीड़ित परिजनों ने बताया कि कल मात्र 20 हजार रुपये नगद और आज 80-80 हजार रुपये के दो चेक एसडीओ राजीव लोचन दे गये और यह भी कह गये हैं कि एक माह के अंदर नौ-साढ़े नौ लाख रुपये तक उसके परिवार को मिल जायेगा?तथा उसकी इएसआई से मिलने वाली पेंशन 8-8500/- प्रति माह उसकी पत्नी को मिलने लगेगी?दुखी परिजनों का कहना है कि विभागीय लापरवाही से ही घटना घटी है। अब पता नहीं आगे उन्हें कुछ मिलेगा भी या नहीं? कैसे होगा लालन पालन। ये अभी तो लारेलप्पे ही लग रहे हैं। पराजयों के अनुसार ठेकेदार शर्मा का भी नकारात्मक रवैया ही अभी तक रहा है। “पोलखोल” की अभी तक की पड़ताल में जो तथ्य उजागर हुये हैं उनसे यह तो साफ हो गया है कि भ्रष्टाचार की वेदी पर एक और छोटा कर्मचारी चढ़ गया। क्योंकि घोटालों में हुई खरीद की ट्रिपरिले ने अपना काम ही नहीं किया। यदि ट्रिपरिले सुचारु रूप से काम करती तो हादसा ही नहीं होता। यही नहीं सरकार के कड़े निर्देशों के बावजूद लाईन पर काम करने वाले इन कर्मचारियों को कोई सुरक्षा किट भी अभी तक नहीं दी गई है जिस कारण भी जब-तब हादसे होते ही रहते हैं। एक और महत्वपूर्ण तथ्य भी उजागर हो रहा है कि सम्बन्धित सब स्टेशन भट्टीपुर के एस एस ओ और जेई कहाँ थे और अनुचित रूप से पहले तो शटडाउन लिया क्यों गया और फिर शटडाउन लेने के पश्चात किसके आदेश पर सप्लाई चालू कर दी गई? बताया तो यह भी जा रहा है कि एसएसओ और जेइ भी गायब रहे तथा साहब लोग तो साहब हैं चाहे छोटे हों या बड़े साहब। सूत्रों की अगर माने तो इस प्रकरण में भी घालमेल के प्रयास किये जा रहे हैं ताकि मामले को कहीं से कहीं घुमाकर उल्लू सीधा किया जा सके। फिलहाल यह तो वक्त ही बतायेगा कि जाँच रिपोर्ट सही आती है या फिर शुरू होगा हमेशा की तरह जाँच पर जाँच का खेल?