लॉकडाउन के दौरान शराब बिक्री पर स्पष्टता और शराब की दुकानों पर सोशल डिस्टेंसिंग बनाएं जाने को लेकर दायर की गई याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को ख़ारिज कर दिया है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने शराब की होम डिलीवरी पर राज्य सरकारों से विचार करने को कहा है।
मामले की सुनवाई कर रही पीठ के अध्यक्ष न्यायमूर्ति अशोक भूषण ने कहा, “हम कोई आदेश पारित नहीं करेंगे, लेकिन राज्यों सरकारों को शराब की होम डिलीवरी/ सोशल डिस्टन्सिंग और मानकों को बनाए रखने पर विचार करना चाहिए।” बता दें कि लॉकडाउन के तीसरे चरण की शुरुआत के साथ केंद्र ने राज्यों में शराब की दुकानें खोलने की अनुमति दे दी है।

इसके साथ ही केंद्र ने कुछ खास दिशा निर्देशों को भी सख्ती से लागू करने को कहा था। बावजूद उसके शराब की दुकानों के बाहर लोगों की लम्बी-लम्बी कतारे नजर आई। देश के कई हिस्सों में तो पुलिस को लाठीचार्ज तक का सहारा लेना पड़ा। दुकानों के बाहर शराब प्रेमियों ने लॉकडाउन के सभी नियमों की खुले तोर पर धज्जियां उड़ाई।
कोरोना संकट के बीच देश में शराब की दुकानों के बाहर ऐसा मंजर देख कई राज्यों की सरकारों ने शराब के दामों में 75 फीसदी तक की बढ़ोत्तरी की। कई और राज्यों ने भी शराब की बिक्री पर सेस लगाने का फैसला लिया है।