कोरोना रिटर्न : दून में देर रात तीन और मिले पाजिटिव – संख्या हुई 75
देहरादून। कल का उत्तराखंड के लिए कोरोना कहर का ही रहा। इस कहर में हल्द्वानी में अब इतने दिनों बाद मिले एक जमाती, अल्मोडा़ में एक नवयुवक और देहरादून 6 नम्बर पुलिया के पास रहने वाली दिल्ली से आई महिला के अतिरिक्त तीन नये मामले और पाये गये हैं, जिनको मिलाकर संख्या 72 पर पहुँच गयी थी किन्तु देर रात्रि दून जनपद के मसूरी सहित विभिन्न क्षेत्रों में तीन नये मामले पाये जाने से अब यह संख्प्रया 75 पर पहुँच गयी है।
ज्ञात हो कि वैसे तो उत्तराखंड कोरोना मुक्त की ओर अग्रसर हो चुका था परन्तु बाहरसे आने वाले तथाकथित प्रवासियों के भारी तादाद में उत्तराखंड में आने से कोरोना रिटर्न तेजी से अपने पाँव पसारता दिखाई पड़ने लगा है।
हरिद्वार – सूरत से पहुँची ट्रेन सै लापता हुए लोंगो की खबर की नहीं है कोई अधिकारिक पुष्टि : अफवाह की शरारत की भी सम्भावना
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यहाँ अगर प्रिंट मीडिया या सोशल मीडिया जगत के कुछ उतावले और TRP के भूखे लोंगो की माने, जो जनता में अफवाहें फैलाकर या सनसनी पैदा करना चाहते है तो उनके अनुसार कल/परसों रात सूरत से हरिद्वार पहुँची 11 बजे 22 बोगी वाली श्रमिक एक्सप्रेस से क्वारंटाईन होने के डर से लगभग 160 से अधिक प्रवासियों के एक साथ लापता हो जाने की खबरें दिखाई जा रही हैं ताकि जनता को स्थिति भयावाह होती नजर आने लगे जबकि हमारी पड़ताल में सूरत से 4 बजे चली इस ट्रेन की पीछे की कुछ बोगी खाली ही आयीं है जिसकी पुष्टि जीआरपी और आरपीएफ के लोग अनाधिकृत रूप से कर रहें है।
हाँलाकि हमारी टीम ने भी अधिकारिक सूत्रों से सम्पर्क साधने का प्रयास किया परन्तु कोई कुछ भी फोन पर बोलने को तैयार नहीं है। डीएम हरिद्वार के कार्यालय ने भी ऐसी किसी खबर से इंकार किया है। तथाकथित रूप से एकाएक लापता हुये लोंगो के बारे में एक यह भी चर्चा हे कि टपरी, लक्सर, पथरी और रुड़की के आस पास का मामला है, वहीं इस बात से भी इस खबर पर स्वंय विराम लगता नजर आ रहा है कि जब ट्रेन कहीं रुकी ही नहीं तो लोग उतरे कैसे? यह भु बताया जा रहा है कि 1340 लोंगो को लेकर चली इस ट्रेन में 1171 लोग ही हरिद्वार पहुँचे, तो फिर इतनी संख्या में लगभग 160 -170 लोग कहाँ गये? और क्यों थर्मल चेकिंग आदि से भागे।
वैसे इस तरह से बाहर से आ रहे लोंगो के कारण कोरोना संक्रमितों की संख्या में हो रहे इजाफे को लेकर सावधान रहने की आवश्यकता हम सभी को है तथा सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन के साथ साथ कोई लापरवाही या उदासीनता नहीं वरतनी है हमें तथा सरकार को ध्यान भी देना होगा कि अपनों की ही घर वापसी हो कोरोना की नहीं!