अब दुकानें भी खुलेंगी और सरकारी दफ्तर भी – Polkhol

अब दुकानें भी खुलेंगी और सरकारी दफ्तर भी

अब दुकानें भी खुलेंगी और सरकारी दफ्तर भी। 

 होटल, माल, जिम, रेस्टोरेंट आदि की स्थिति संशय में?

कोरोना पाजिटिव बढ़ रहें हैं तभी तो,

ज्वलंत सवाल : क्या लाकडाउन खत्म??

देहरादून। उत्तराखंड शासन के मुख्य सचिव द्वारा शाम को जारी एक आदेश में राज्य के सभी व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को अब 7 बजे से 4 बजे की बजाए 7 बजे प्रातः से सायं 7 बजे तक खोले जाने के अधिकारिक आदैश जारी कर दिये गये हैं।

वहीं प्रभारी सचिव डा.पंकज कुमार पाण्डेय द्वारा प्रदेश के सभी सरकारी कार्यालय (लाकडाउन से पूर्व वाली स्थिति) भी एक जून से अपने अपने निर्धारित समय पर विधान सभा आदि सहित खोल दिए गयें हैं।

ज्ञात हो कि आज व्यापारी वर्ग में उक्त आदेश न आने से पहले काफी निराशा व्याप्त थी क्योंकि कल मुख्यमंत्री के यह कहने के उपरान्त भी कि दुकानें 7 से 7 बजे तक खुलेंगी और चार बजे पुलिस का डंडा दुकाने बंद कराने के लिए चल पडा़ था, जिससे व्यापारियों को अपमानित होना पडा़।

उल्लेखनीय है कि अभी भी मुख्य सचिव महोदय के आदेश से जहाँ एक ओर ऐसा लग रहा है कि राज्य  अवस्थित समस्त वाणिज्यिक व व्यवसायिक प्रतिष्ठान 7 बजे से 7 बजे तक खुलेंगे..! वहीं इसी आदेश में इस लाईन के ऊपर  7 बजे से 4 बजे तक …! वाली बात परस्पर स्पष्ट न होने से ऐसा माना जा रहा है कि अब होटल, रेस्टोरेंट, ढावे, ब्शायूटी पार्पिंलर, स्पा, माल और मल्टीप्लेक्स व जिम आदि सभी प्रतिष्ठान भी खोल दिये गये हैं। क्या उचित नहीं होगा कि शासन प्रशासन स भ्रान्ति अथवा अस्पष्ट का भी खुलासा कर भ्रम की स्थिति को समाप्त करे! यहाँ एक पहलू उन शैक्षिक इन्स्टीट्यूट्स और कोचिंग व ट्रेनिंग संस्थानों का भी है। ट्रेवल एजेन्सी और पर्यटक स्थल आखिर अब बंद क्यों??

और अगर जब पूरे प्रदेश मैं आना जाना भी सरकार ने खोल ही दिया है तो फिर आनलाईन आवेदन ही अनुमती…! वाह क्या फरमान है सरकार का!

एक ओर पूरे प्रदेश और देश में कोरोना संक्रमण निरन्तर बढ़ता जख रहा है और कोरोना से मरने वालों की संख्या व कंटेनमेंट जोन बढ़ते ही जा रहे वहाँ ऐसा एकाएक उतावलापन क्या जनजीवन के हित में सही ठहराया जा सकता है। क्या अब यह मान लिया जाना चाहिए कि कोरोना के साथ ही जीना और मरना है? यदि बास्तव में ऐसा ही है तो फिर अब HAPPY  CORONA बोलना ही फडेगा क्या?

ये खुद फैलाती भ्रम फैलाने वाली TSR सरकार नहीं है क्या?

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