डीएम के अनुसार आज के 6 कंटेनमेंट जोन के साथ 20 जबकि हकीकत में 18 ही
उत्तराखंड में दोहरा रवैया : वीवीआईपी पाजिटिव के बाद भी डिस्चार्ज और गरीब महिला व बच्चे 15 दिन बाद भी कवारंटीन में कैद
क्या इन दरबारे खास के लोंगो पर होगी कार्यवाही या फिर टालमटोल
देहरादून। राजधानी में विगत दो तीन दिनों से वीवीआईपी कोरोना ने खासा हंगामा मचा रखा है, परिणामस्वरूप डीएम साहब अथवा उनका आॉफिस इतनी घबराहट में आ गया है कि एक ही क्षेत्र के दो-दो बार आदेश जारी करने लगा है।
यही नहीं TSR सरकार के मंत्रियों और आईएएस और पीसीएस सहित सचिवालय स्टाफ के क्वारंटीन किये जाने को लेकर और उन पर कोविड-19 के निर्देशों और डिजास्टर मैनेजमेंट अधिनियम के अनुसार कार्यवाही करें न करें के पेंच में उलझे साहब पर दोहरा रवैया अपनाये जाने के आरोप लगने लगे है।
क्योंकि एक तरफ मंत्री, मुख्यमंत्री का भीतरघाती दबाव और उनके इशारों पर नाचने को मजबूर राजधानी दून के डीएम ऐसी दुविधा में दिखाई पड़ रहे हैं कि बल्क में मिले इन वीवीआईपी कोरोना संक्रमित मामलों पर एक्शन और एफआईआर जैसी कार्यवाही किये जाने और न किये जाने के भँवर जाल में उलझे होने के कारण एक तरफ तो उनके क्वारंटीन को कभी इंस्टीट्यूशनल तो कभी होम क्वारंटाईन किये जाने के अप्रत्शायित दबाव के चलते यह भी भूल बैठे है कि 14-14 द्दिनों बाद रिलीज किए जाने बाले गरीब महिला सारिका व उसके बच्चों को ग्राफिक एरा में बने क्वारंटीन सेन्टर से आज 14 दिन बीत जाने के उपरान्त भी रूम नम्बर 402 से रिलीज नहीं किया गया। यही नहीं रामभरोसे हालात और लचर व्यवस्था के चलते उसकी रिपोर्ट आज लगभग 15 दिन बीत जाने के उपरान्त भी जब आई ही नहीं तो ऐसे में निगेटिव या पाजिटिव का मतलब ही क्या रह जाता है। क्या घर से वेघर क्वारंटीन में अनावश्यक कैद महिला व उसके बच्चों की डीएम साहब सुध लेंगे या फिर वीवीआईपी कोरोना संक्रमितों के चक्कर में ही उलझे रहेंगे?
वीवीआईपी उलझन का ही शायद परिणाम है की आज जहाँ दो नये कंटेनमेंट जोन दून नगर निगम क्षेत्र में बनाये गये हैं उनके साथ साथ पहले बन चुके कन्टेनमेंट जोन सेवला कलाँ, ओम सार्थक अपार्टमेंट क्षेत्र जिसे 26 मई को प्रतिबंधित किया चुका था और आज फिर उसी का हू-बहू आदेश नयी पत्रांक संख्या से जारी कर दिया गया। इसी प्रकार गत दिवस 31 मई को कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के आवास वाले सरकुलर रोड क्षेत्र के बारे में भी आज फिर अक्षरसः जारी कर दिया गया है। जबकि होना तो महाराज की दो मुहाँ कोठी के दूसरे द्वार म्युनिस्पिल रोड का आदेश किया जाना चाहिए था।
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ज्ञात हो कि आज जो नये कन्टेनमेंट जोन बनाये गये हैं उनमें आराघर की कलिंगा कालोनी व पटेल नगर की ब्रह्म्म पुरी के कुछ हिस्सों को कोरोना संक्रमण के कारण प्रतिबंधित किया गया है। इससे पूर्व कल तक जनपद में 16 क्षेत्र कंटेन्मेंट जोन बन चुके थे, को मिलाकर अब कुल 18 हो गयी है संख्या। पाठकों के अवलोकनार्थ SM-1= SM2 और OS-1= OS-2 आदेश की प्रतियाँ भी प्रस्तुत हैं।
देखना यहाँ गौर तलब होगा कि भयमुक्त शासन और पारदर्शिता की ताल ठोकने वाली TSR के राज्य में इन वीवीआईपी मंत्री व आला अफसरों पर प्रधानमंत्री के आरोग्य सेतु एप, जानते हुये कोरोना ट्रैकर बनने जैसी अनियमतताओं पर कार्यवाही होती है या नहीं अथवा इनके बचाव के लिए मशक्कत और जनता के लिए “पर उपदेश…” के अनुसार चाबुक चलता रहेगा? हाँलाकि इन वीवीआईपी लोंगो के बचाव हेतु हाई रिस्क और लो रिस्क का फंडा ढूँढ़ लिया गया है।