जनता को असमंजस में डाल, चैन की नींद ऐसे सोते है ये लोक सेवक डीएम दून
सीएम को भी दिखा दिया डीएम ने ठेंगा!
देहरादून। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के दृष्टिगत गत दिवस प्रदेश के मुखिया यानि उत्तराखंड के सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत के निर्णय को एक बार फिर राजधानी दून के डीएम ने ठेंगा दिखा दिया और बता दिया कि वही जिले का जिलाधिकारी होता है, सीएम का क्या, वे तो जन प्रतिनिधी हैं, कहते ही रहते हैं!
ज्ञात हो कि कल 4 जून को सीएम रावत ने वीडियो कान्फ्रेसिंग के द्वारा कहा था कि, “देहरादून के हालात को देखते हुये हम यह निर्णय ले रहे हैं कि देहरादून की सब्जी मंडी को हम बंद कर रहे हैं, सप्ताह में दो दिन शैटरडे और सनडे देहरादून को पूरे बंदीकरण का निर्णय ले रहे हैं, यह आदेश हो चुका है और दो दिन देहरादून को सैनेटाईज्ड किया जायेगा।” वहीं इसके विपरीत डीएम देहरादून ने शाम को दुकानों प्रतिष्ठानों के ही दो दिन बंदी का फरमान तो जारी कर दिया जबकि सीएम साहब पूरे बंदीकरण के आदेश करने की बात कह रहे थे।
यही नहीं जब आपके पोर्टल polkhol.in ने दूनवासियों में सीएम साहब और डीएम साहब के आदेशों में भिन्नता से व्याप्त असमंजस की स्थिति के बारे में जानना चाह तो डीएम महोदय द्वारा आज के लिए डिसाईड करने को कहा गया किन्तु अफसोस कि आज भी डीएम साहब के द्वारा स्पष्ट आदेश जारी नहीं किया गया और न ही प्रेस/मीडिया से डीएम साहब रूबरूह हुये। यहाँ तक कि हमारे द्वारा उन्हें रोजाना होने वाली प्रेस कान्फ्रेंस के पर्याय बने “सवाल लिखकर भेजो और जवाव सुन लो” विगत तीन चार दिनों के अनुसार मीडिया के रोजाना के सवालों के रूप में भी उत्तर की अपेक्षा के साथ प्रश्न व्हट्सप द्वारा 11बजे करीब ही भेज दिए थे…
इन सवालों के अधूरे जबाव आप भी सुनिये डीएम साहब का गोलमोल जबाव वाला वीडियो…! और प्रेस नोट के माध्यम से लिया गया अभी भी अस्पष्ट निर्णय :-
“जिलाधिकारी डाॅ आशीष कुमार श्रीवास्तव ने अवगत कराया कि जनपद देहरादून में कोविड-19 संक्रमित व्यक्तियों के निरन्तर चिन्हित होने के फलस्वरूप संक्रमण के प्रसार को रोकने हेतु सुरक्षात्मक उपाय के दृष्टिगत कल शनिवार तथा रविवार को नगर निगम देहरादून क्षेत्रान्तर्गत अवस्थित सभी प्रतिष्ठान/दुकानें पूर्णतः बन्द रहेंगी। इस अवधि में नगर निगम देहरादून द्वारा नगर निगम क्षेत्रान्तर्गत सभी प्रतिष्ठानों, दुकानों, सभी कार्यालय तथा सार्वजनिक स्थलों पर सेनिटाइजेशन का कार्य किया जायेगा। इस दौरान अस्पताल में ओपीडी खुली रहेंगी।”
विदित हो कि पूरी सीएम और डीएम लीला सुनने से यह तो साफ हो गया है कि होगा वही जो डीएम चाहेगा, परन्तु यहाँ तो डीएम का मनतव्य भी स्पष्ट नहीं हुआ, जनता का क्या उसके लिए तो इनके पास पुलिस बल है जैसे चाहेंगे मनवा लेंगे। पर कल शनिवार को बैंक व सरकारी कार्यालय खुलेंगे या नहीं यह अभी भी स्पष्ट नहीं हुआ और न ही ये स्पष्ट हुआ कि सीएम साहब की पूरे बंदीकरण के आदेशानुसार आवाजाही बंद रहेगी या चालू?
खैर ये तो अब वक्त ही बतायेगा डीएम साहब तो बताने से रहे! और सीएम भी भाषण रूपी आदेश करके चुप हो गये।
हालाँकि आज दोपहर से निरन्तर हमारा प्रयास रहा कि डीएम साहब से सम्पर्क कर असमंजस पर विराम लगवा सँकू, पर डीएम साहब तो साहब हैं मोबाईल फोन उठाना तक खुद पसंद नहीं करते! शायद तभी यही हाल जनपद के सभी अधिकारियों का भी इसीलिए है।
अब आप ही बताईए कि इस प्रजातन्त्र में जन प्रतिनिधी के रूप में बिधायिका का नेता (सीएम) बडा़ या संविधान में परिभाषित लोक सेवक आईएएस जिसे डीएम साहब या कलक्टर साहब कहा जाता है, वह!
फिलहाल हमारे मतानुसार लव्वोलुआव यह है दून नगर निगम क्षेत्र में कल शनिवार व रविवार को आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी दुकानें व प्रतिष्ठान बंद रहेगे और बैंक व दफ्तरपर असमंजस बरकरार कि वे अपने पूर्व निर्धारण के अनुसार खुलेंगे? तथा आवागमन चालू रहेगा। और अगर डीएम की माने तो केवल आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सब बंद रहेगा वहीं सीएम की माने तो पूरी बन्दी रहेगी! अब मरजी है आपकी…!
बाकी कि सीएम और डीएम दोनो के गुन गाओ…! क्योंकि आप हो बेचारी जनता!