यशवंत विहार कल्याण समिति की कमान सुरेंद्र हिंदुस्तानी को – Polkhol

यशवंत विहार कल्याण समिति की कमान सुरेंद्र हिंदुस्तानी को

यशवंत विहार कल्याण समिति कीजल्दी किसानों से भारत सरकार बात करें। ताकि हमारे देश के अन्नदाता खुशी से अपने घर जाए कमान सुरेंद्र हिंदुस्तानी को

(वीना पाठक)

नाहन / शिमला। आज रविवार को यशवंत विहार कॉलोनी नाहन के मेल्टिंग मोमेंट्स रेस्टोरेंट में यशवंत विहार कल्याण समिति के चुनाव संपन्न हुए। जिसमें सर्वसम्मति से सुरेंद्र हिंदुस्तानी को समिति का अध्यक्ष चुना गया। जबकि गीताराम तोमर को वरिष्ठ उपाध्यक्ष तो संजय ठाकुर को सर्वसम्मति से महासचिव चुना गया। इससे पूर्व समिति के पूर्व अध्यक्ष के द्वारा यशवंत विहार कल्याण समिति में कराए गए विकास कार्यों का लेखा जोखा रखा गया। उन्होंने पुरानी कार्यकारिणी को भंग करते हुए नई कार्यकारिणी गठित करने को लेकर अपनी सहमति दी ।शहर की सबसे आदर्श कहलाने वाली यशवंत विहार कॉलोनी के विकास को लेकर सुरेंद्र हिंदुस्तानी के द्वारा एक विजन डॉक्यूमेंट भी रखा गया। बैठक में सीवरेज बच्चों के खेलने का पार्क रिटेनिंग वॉल बिजली के पोल तथा सफाई आदि के मुद्दों पर भी विस्तृत रूप से चर्चा हुई। बड़ी बात तो यह भी रही कि इस बार बैठक में यशवंत बिहार कॉलोनी के हर परिवार ने अपनी उपस्थिति दर्ज करी तथा अपने अपने घरों के आसपास की समस्याओं को भी बैठक में रखा।

बता दें कि पूर्व अध्यक्ष रहे राकेश शर्मा के प्रयास भी काफी सराहनीय रहे हैं बिजली पानी सड़क व पार्क आदि को लेकर उन्होंने यहां की मूलभूत सुविधाओं को प्रशासन व सरकार तक पहुंचाया भी है। तो वही सुरेंद्र हिंदुस्तानी ने विश्वास दिलाते हुए कहा कि पूरी निष्ठा के साथ अपने पदाधिकारियों व कार्यकारिणी के सदस्यों को साथ लेकर गैर राजनीतिक रूप से काम करते हुए कॉलोनी के विकासात्मक कार्यों को आगे लेकर जाएंगे।

उन्होंने ने कहा कि मैं सबके साथ मिलजुल कर हर परिवार की समस्या को सर्वोपरि रखते हुए उसका निवारण भी करेंगे तथा अन्य मुद्दों को लेकर प्रशासन व सरकार के समक्ष भी उठाएंगे। आज संपन्न हुए चुनाव में विद्या दत्त शर्मा बलबीर शर्मा विजय पुंडीर हर्ष मणि विनोद कंठ को समिति का उपाध्यक्ष तथा प्रवीण अंगिरस को कोषा अध्यक्ष चुना गया। बता दे कि प्रवीण पिछली कार्यकारिणी में भी कोषा अध्यक्ष थे। नवगठित समिति में भवानी भगत को सह सचिव, तथा कृष्ण शर्मा को सह कोषाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। समिति के संरक्षक के रूप में राजीव गुप्ता के नाम पर सहमति बनी। नवगठित समिति में इस बार भंडार संरक्षक का पद सृजित करते हुए नरेंद्र मोदी को यह दायित्व सौंपा गया है। चंद्र मोहन शर्मा को विधि विभाग दिया गया है। शैलेश सैनी को प्रेस सचिव नियुक्त किया गया। बैठक में मुख्य रूप से राजेश तोमर लायक राम शर्मा, एयर वेटरन एलआर शर्मा तथा पीडी जोशी सहित दर्जनों लोग उपस्थित रहे।

जल्दी किसानों से भारत सरकार बात करें। ताकि हमारे देश के अन्नदाता खुशी से अपने घर जाए : आप

शिमला। आम आदमी पार्टी हिमाचल प्रदेश ने केंद्र की मोदी सरकार पर पंजाब और हरियाणा के है नहीं बल्कि पूरे भारत वर्ष के किसान मोदी सरकार के खिलाफ उसकी गलत नीतियां अपनाने और उनके साथ इस महासरद मौसम के दौरान उन्हें खुली सड़कों में सरकार के खिलाफ इक्कठे होने को फिजूल में मजबूर किया जा रहा है। सरकार का उनके साथ इस कदर निरंकुश रवैया अपनाने के लिए आम आदमी मोदी मोदी सरकार का विरोध करती है।पार्टी साथ में मांग भी करती है कि किसानों कि ईछा के विरूद्ध जो तीन कानून हाल ही में मोदी सरकार ने बनाए है, उन्हें तत्काल प्रभाव से रद करें और निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए जल्दी किसानों से भारत सरकार बात करें। ताकि हमारे देश के अन्नदाता खुशी से अपने घर जाए और वो अपनी खेती बाड़ी का काम जारी रखें।मोदी सरकार की तरफ से किसानों के साथ जो कहा सुनी,पुलिस का बर्ताव ओर ठंड के मौसम ने उनके उपर ठंडे पानी की बोछारे करना इत्यादि ये बिल्कुल अच्छा नहीं लगा।क्योंकि किसान हमारे लिए पूजनीय है।जो हमे थली में परोस के खिलाते है।उनके साथ सरकार ऐसा बर्ताव अमल में लाए वाह?अफसोस।यहां तक कि हमारे देश के इन हीरो रूपी किसानों को दिल्ली जाने के लिए भी जगह जगह रोका जाने लगा?जो इसी देश के बाशिंदे है उन्हीं को रोका जाए?ये कहां का न्याय है?
जब की 1987 में राजीव गांधी सरकार थी और बाबा महेंद्रसिंह टिकैत के नेतृत्व में 10 लाख किसान जंतर-मंतर से लेकर वोट-क्लब तक खचाखच भरे हुए थे।किसी भी किसान को दिल्ली आने से नहीं रोका गया था।

2014 से पहले कितनी ही बुरी सरकारें रही हो मगर किसानों को दिल्ली में आने से नहीं रोका गया था।2014 के बाद यह सिलसिला शुरू हुआ है।जब से 2गुजराती राजनेताओं ने अपने 2 व्यापारी मित्रों के सहयोग से दिल्ली की सत्ता पर कब्जा किया तब से किसान दिल्ली की सत्ता के लिए आतंकी सरीखे बन गए!

किसी भी लोकतांत्रिक देश मे शांतिपूर्वक विरोध-प्रदर्शन का दमन करना तानाशाही रवैया होता है।किसानों के रास्ते को रोकना,बैरिकेड लगाना,सड़के खोदना आदि साबित करता है कि तानाशाहों को अपनी जनता से ही खतरा नजर आता है।

धार्मिक भावनाओं को भड़काकर हासिल की गई सत्ता जनता के बुनियादी मुद्दों के उठने से घबराती है और घबराहट में क्रूर व दमनकारी तरीके पर उतर आती है।

डॉ लोहिया ने कहा था ” अगर सड़कें खामोश हो जाएं तो संसद अवारा हो जाएगी!”संसद में कानून पास करने के तरीके पिछले कई सालों से हम देख रहे है।आवारागर्दी की सीमाएं लांघी जा चुकी है।ऐसे में सड़कों का आबाद होना सुकून भरा अहसास दिलाता है।

हर आंदोलन को शुरू में तोड़कर गर्व महसूस कर रहे तानाशाहों को पहली बार किसानों ने सशक्त चुनौती दी है।ऐसे में हम सभी लोगों का दायित्व बनता है निरंकुशता पर लगाम लगाने के लिए इस किसान आंदोलन का जमकर समर्थन करें।

देश के लेखकों,कवियों,शायरों ने भले ही खामोशी धारण कर ली हो मगर हम किसान पुत्रों को लिखना-बोलना चाहिए।जो भी टूटा फूटा लिख सको जरूर लिखो।अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए भाषाई पकड़ या अलंकरणों की जरूरत नहीं होती।
हिमाचल आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता एस० एस० जोगटऻ ने प्रेस को जारी एक बयान में उपरोक्त जानकारी दी।

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