देहरादून पुलिस ने पिछले 12 साल से फरार चल रहे धोखाधड़ी के आरोपी एक दंपति को नोएडा से गिरफ्तार किया है. देहरादून के रहने वाले इस जूलर्स दंपति ने पोंजी गोल्ड स्कीम के तहत 60-70 लाख रुपए की धोखाधड़ी की थी. आरोपी दपंति की पहचान संजीव बस्सी और नवीता बस्सी के तौर पर हुई है और वो 2008 से गायब थे. वो लगातार अपने ठिकाने बदलते रहते थे. इस दौरान वो सूरत से गुजरात फिर मुंबई होते हुए नोएडा. नोएडा में दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया.
दोनों आरोपियों पर 10-10 हजार रुपए का इनाम था. आरोपियों ने साल 2006 में एक जूलरी की दुकान खोली और किटी स्कीम के नाम पर करीब 600 लोगों से 60-70 लाख रुपए ले लिए. आरोपियों ने लोगों से कहा कि वो इन पैसों पर उन्हें बाद में अच्छा पैसा देंगे, लेकिन 60-70 लाख रुपए लेने के बाद उन्होंने लोगों को पैसे नहीं लौटाए और भाग गए.
देहरादून के एसएसपी योगेंद्र सिंह रावत ने कहा कि 600 लोगों से किटी स्कीम में मौटा पैसा लेने के बाद आरोपी देहरादून से भागकर गुजरात पहुंच गए. धोखाधड़ी की शिकार हुई सुधान पटवाल ने 7 अप्रैल 2008 को डालनवाला पुलिस स्टेशन में आरोपी संजीव बस्सी और नवीता बस्सी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. इसके बाद से पुलिस को इन दोनों आरोपियों की तलाश थी.
पुलिस अधीक्षक (एसपी) सिटी श्वेता चौबे के नेतृत्व में पुलिस टीम को आरोपी दंपति के बेटे के स्कूल के बारे में जानकारी मिली. पुलिस को स्कूल से एक मोबाइल नंबर मिला. बाद में पुलिस को पता चला कि नंबर का इस्तेमाल मुंबई, राजस्थान, गुजरात और नोएडा में किया गया था. इसके बाद आरोपियों की तलाश में एक टीम दिल्ली और नोएडा भेजी गईय इसके बाद टीम ने स्थानीय खुफिया जानकारी जुटाने के बाद दंपति को नोएडा से गिरफ्तार किया.