गाय को राष्ट्रमाता घोषित करने वाले देश के पहले राज्य उत्तराखंड में गाय की रक्षा के लिए गठित किए गए दो गौ संरक्षण दस्तों (Cow protection squads) ने साल 2017 में अपने गठन के बाद से अब तक 277 लोगों को गिरफ्तार किया है. ये गिरफ्तारी पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 और उत्तराखंड संरक्षण अधिनियम, 2007 के तहत की गई हैं.
काऊ प्रोटेक्शन स्कवॉड के किए गए कार्यों की समीक्षा जारी आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2017 से अब तक, इन तीन सालों की अवधि में कुमाऊं क्षेत्र (Kumaon) में दो अधिनियमों के तहत 88 मामले दर्ज किए गए और 176 लोगों को गिरफ्तार किया गया, वहीं गढ़वाल क्षेत्र (Garhwal) में दर्ज 83 मामलों में 101 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
पुलिस के अधीन इन दस्तों का गठन उत्तराखंड (Uttarakhand) में BJP की सरकार आने के कुछ महीनों बाद 21 अक्टूबर, 2017 को किया गया था. राज्य में गौ तस्करी और गोहत्या के मामलों की जांच के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat) के निर्देश पर संबंधित महानिरीक्षक (IG) के अधीन दो दस्ते गठित किए गए थे, एक दस्ता कुमाऊं क्षेत्र में और दूसरा गढ़वाल में है. इन दस्तों का गठन गाय की रक्षा और दोनों कानूनों (पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 और उत्तराखंड संरक्षण अधिनियम, 2007) के प्रावधानों को प्रभावी तरीकों से अमल में लाने के लिए किया गया था.
अवैध बूचड़खानों की लिस्ट बनाने का आदेश
शुक्रवार की बैठक में, डीजीपी अशोक कुमार ने संबंधित IG को हर जिले में अवैध बूचड़खानों (Illegal Slaughterhouses) की लिस्ट बनाने और उनके खिलाफ और अवैध रूप से गाय की तस्करी करने वालों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि इन गौ संरक्षण दस्तों को और भी ज्यादा प्रभावी बनाया जाए और अधिकारियों से हर महीने समीक्षा बैठकों में कार्य के प्रगति की निगरानी करने के लिए कहा जाए.