चंद मिनटों जलकर राख हो गई गरीबो की झोपड़ी

हल्द्वानी। धू-धूकर गरीब मजदूरों के सपनों के सात आशियाने चंद मिनटो में चलकर खाक हो गए। अपने आशियाने को अपने सामने जलता देखकर मजदूरों के आंखों से आंसू रूक नहीं रहे थे हर कोई आग पर काबू पाने व सामान बचाने के लिए कोशिश कर रहे थे लेकिन एक आग की चिंगारी ने चंद मिनटों पर ही सात झोपड़िया जलकर स्वाह हो गई। जिसमें घरेलू सामान सहित लाखों की नगदी भी जलकर राख हो गई। सूचना पर पहुंची फायर बिग्रेड ने बमुश्किल आग पर काबू
पाया लेकिन तब तक गरीबों का सपनों का महल उजड़ चुका था। आग्निकांड से पीड़ित सात परिवारों के आगे सिर छुपाने, खाने के लाले पड़ गए। जानकारी के अनुसार आंवला चौकी गेट के समीप रेलवे पटरी के पास गौला नदी में काम करने वाले मजदूरों ने अपनी कड़ी महनत से अपने सपनों का महल बनाकर रह रहे थे।

मंगलवार की दोपहर अचानक गरीब मजदूरों के आशियाने को पता नहीं किसकी नजर लगी और एक आग की चिंगारी ने धू-धूकर चंद मिनटों पर ही पास पास बनी सात झोपड़ी जलाकर स्वाह कर दी। लोगों ने आग पर बाल्टी बाल्टी पानी डालकर आग पर काबू करने की कोशिश की लेकिन आग पर काबू नहीं पाया गया। घटना की सूचना मिलते ही बनभूलपुरा थानाध्यक्ष मो. यूनुस भी मौके पर पहुंच गए।

इधर आग की सूचना पर फायर बिग्रेड की दो गाड़िया भी मौके पर पहुंची और कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया लेकिन तब तक आग से सात झोपड़िया जलकर स्वाह हो गई थी।
उसमें रखा आनाज बिस्तर, कपडे़, सिलाई मशीन, प्रिफज, अलमारी, बच्चों की कापी किताब सहित लाखों की नगदी भी जलकर स्वाह हो गई। इतना ही नहीं आग से कई मवेशी भी झुलस गए। इस आग की चपेट में सोहनलाल, व उसके पुत्र दिनेश जाटव, राजकिशोर, संदीप के साथ ही क्षेत्रपाल, संगीता, चंद्रा की झोपड़िया भी जलकर राख हो गई। अपने आशिायाने को अपने सामने जलता देखकर मजदूरों के आंखों से आंसू रूक नहीं रहे थे हर कोई आग पर काबू पाने व सामान बचाने के
लिए कोशिश कर रहे थे लेकिन जब तक आग ने पूरी तरह से सात झोपड़िया व उनमे रखा सामान जलाकर खाक नहीं किया तब तक आग की लपटें कम नहीं हुई। पीड़ित परिवार के आगे रोजी रोटी व सिर छुपाने का संकट मडराने लगा है। इधर अग्निकांड पीड़ित दिनेश जाटव ने बताया कि झोपड़ी में डेढ़ लाख रुपया उसने बड़ी मेहनत से अपनी पुत्री की शादी के लिए जमा किए हुए थे और मेहनत कर बेटी के दहेज का समान भी जोड़ रखा रखा था। क्योंकि कुछ दिनों बाद उसकी पुत्री की शादी होनी थी। लेकिन आग की लपटों में चंद मिनटों में ही सब जलकर स्वाह हो गया।

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