हरिद्वार। आयुर्वेद बनाम एलोपैथिक को लेकर आइएमए के साथ योगगुरु बाबा रामदेव के विवाद में आचार्य बालकृष्ण के बाद अब उनके समर्थक और पतंजलि के साधक भी कूद पड़े हैं। इनके द्वारा इंटरनेट मीडिया पर इस मामले को राष्ट्रभक्ति, देश की अस्मिता के साथ-साथ आइएमए के माध्यम से तमाम कंपनियों के हो रहे विज्ञापनों को भी निशाना बनाया जा रहा है। कहा जा रहा है कि आइएमए किस आधार पर पेंट, टूथपेस्ट सहित तमाम खाद्य पदार्थों के विज्ञापनों में अपनी प्रामाणिकता का संदेश दे रहा है। सवाल उठाए जा रहे हैं आइएमए किस आधार पर यह सब कर रहा है। आरोप लगाया जा रहा है कि आइएमए के पदाधिकारी बहुराष्ट्रीय कंपनियों से निजी स्वार्थ पूर्ति और निजी लाभ की पूर्ति कर इस काम को अंजाम दे रहे हैं, जबकि उन्हें इसका कोई अधिकार नहीं।
पतंजलि योगपीठ के प्रति कुलपति उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति महावीर अग्रवाल ने भी इस मामले में कई तरह के सवाल उठाए हैं। उन्होंने इंटरनेट मीडिया के माध्यम से सवाल पूछा है कि योगगुरु बाबा रामदेव, आचार्य बालकृष्ण और पतंजलि योगपीठ ने देश विरोधी क्या कार्य किए हैं और जब उन्होंने देश विरोधी कोई कार्य नहीं किया, देश के नव निर्माण में अपना योगदान दिया तो उन्हें क्यों निशाना बनाया जा रहा है। आरोप लगाया कि बहुराष्ट्रीय कंपनियां अपनी स्वार्थ सिद्धि में जान बूझकर गलत तथ्यों और बातों को प्रचारित प्रसारित कर स्वदेशी के उत्थान, राष्ट्र के नवनिर्माण में समर्पित योगगुरु बाबा रामदेव, आचार्य बालकृष्ण और पतंजलि योगपीठ को निशाना बना रही हैं।
पतंजलि योगपीठ के प्रति कुलपति डॉ महावीर अग्रवाल ने कहा कि विजय माल्या और नीरव मोदी की तरह योगगुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने कोई अपराध नहीं किया है तो उन्हें क्यों निशाना बनाया जा रहा है।