नैनीताल। कोरोना कर्फ्यू व लॉक डाउन के बाद से नगर में सबसे ज्यादा आर्थिक मार छोटे व्यवसाइयों पर पड़ी है। बीते वर्ष लॉकडाउन के बाद से ही अब तक छोटा-मोटा व्यवसाय करने वाले जैसे नाव चालक, रिक्शा चालक व रेहड़ी पटरी व्यवसाय वाले अब तक कोरोना कि मार झेल रहे है। इस वर्ष में कोई कुछ कमा पाता एक बार फिर कोरोना ने लोगों कमर तोड़ दी। जिसको देखते हुए शहरी विकास मंत्रालय की योजना के तहत कोरोना की मार झेल रहे छोटे व्यापारियों का आर्थिक संकट दूर करने व उन्हें कुछ राहत देने के लिए नैनीताल उपजिलाधिकारी व नगरपालिका ईओ ने संगठन के समस्त प्रतिनिधियों के साथ अहम बैठक की। जिसमें अधिकारियों ने छोटे व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए आर्थिक मदद व उन्हें राहत देने की बात कही। जिससे लॉक डाउन की सीमा खत्म होने तक उनकी आजीविका चलती रहे।
इस दौरान बोट चालक अध्यक्ष रमेश ने कहा कि बीते वर्ष से ही कोरोना की मार झेल रहे नाव चाकल, रिक्शा चालक व फड़ व्यवसायियों के लिए अपने परिवार का भरण पोषण करना मुश्किल हो गया है। कई दिनों तक वह खाने के लिए तरस जाते हैं साथ ही बच्चों की फीस उनके लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। जिस पर उपजिलाधिकारी ने नगर पालिका ईओ को निर्देशित करते हुए सभी गरीब और निर्धन लोगों की सूची बनाकर उनको राहत देने को कहा।