देहरादून पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों से बेहाल प्रदेशवासियों को जल्द राहत मिल सकती है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि इन पेट्रोलियम पदार्थों पर लिए जा रहे वैट (मूल्य वर्धित कर) को कम करने पर सरकार विचार कर रही है।
कोरोना संकट काल में राज्य की आमदनी को बहुत नुकसान हुआ है। इन विपरीत परिस्थितियों में भी पेट्रोल और डीजल से सरकार को काफी राजस्व मिला है। दोनों से राज्य को तकरीबन 1006 करोड़ का सालाना राजस्व मिलता है। यही वजह है कि कोविड-19 की महामारी के दौर और पेट्रोल-डीजल की बेतहाशा बढ़ती कीमतों के बावजूद सरकार राजस्व के इस स्रोत से छेड़छाड़ करने का साहस नहीं जुटा पा रही है।
बीते वर्ष भी कोरोना संकटकाल में सरकार ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों को कम करने के लिए वैट घटाने का फैसला नहीं किया। विकास कार्यों के साथ ही कर्मचारियों के वेतन-भत्तों और सेवानिवृत्त कार्मिकों के पेंशन भुगतान में सरकार को इस आमदनी पर बड़ा भरोसा है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने मौजूदा कठिन परिस्थितियों के बावजूद राज्यवासियों को पेट्रोल और डीजल में वैट कम करने पर सहमति जताई है। उन्होंने कहा कि सरकार वैट में राहत देने पर विचार कर रही है। दरअसल पेट्रोल पर वर्तमान में 25 फीसद वैट या 19 रुपये प्रति लीटर, जो भी अधिक हो, वसूल किया जा रहा है।
इसी तरह डीजल पर वैट 17.48 फीसद या 10.41 रुपये प्रति लीटर, जो भी ज्यादा हो, सरकार की ओर से लिया जा रहा है। प्रदेश में पेट्रोल और डीजल की की कीमतें कम हुई तो इसका असर महंगाई पर भी दिखाई दे सकता है। इनकी कीमत कम होने से प्रदेश में ट्रांसपोर्टेशन लागत में कमी आना तय है।