पिटकुल में ट्रांसफर : जुयाल की मलाई छीन ईमादार को तथा हयांकी बने सीएण्डपी चीफ – Polkhol

पिटकुल में ट्रांसफर : जुयाल की मलाई छीन ईमादार को तथा हयांकी बने सीएण्डपी चीफ

वाह रे, वाह! ऊर्जा विभाग, वाह!! 

क्या सुधरेगी स्थिति या फिर दौडे़गी भ्रष्टाचार व घोटालों की गड्डी?

(सुनील गुप्ता, ब्यूरो चीफ)

देहरादून। उत्तराखंड ऊर्जा विभाग को एक लम्बे समय बाद ऊर्जा मंत्री मंत्री तो मिला और युवा मुख्यमंत्री धामी के युग में डा. हरक सिंह रावत को ऊर्जा प्रदेश के महत्वपूर्ण विभाग ऊर्जा विभाग की जिम्मेदारी शायद इसी लिए सौंपी गई कि मुख्यमंत्री की व्यस्तता का लाभ इस ऊर्जा विभाग के भ्रष्टाचारी और घोटालेबाज जम कर उठा रहे थे।

ज्ञात हो कि विगत चार वर्षों से टीएसआर-1 और टीएसआर-2 के कार्यकाल में जिस तरह से भ्रष्टाचार ने अपनी जडेंमजबूत की हैं उसकी तो कल्पना भी नहीं की जा सकती क्योंकि 2016-17 से पहले एचआर के राज्य में जब प्रमुख सचिव ऊर्जा एक अजब गजब के आईएएस हुआ करते थे तब के रिकार्ड भी वर्तमान सचिव ऊर्जा के राज्य में टूट गये और स्थिती बद से बदतर होती गयी तथा हाथी के दाँत खाने के और, और दिखाने के और ही नजर आये। जाँचे के ऊपर जाँचों के खेल भी खूव खेले गये और कार्यवाही के नाम पर कुलाँचे भी खूब लगाई गयीं परंतु निष्कर्ष वही ढाक के तीन पात। हाँ इतना अवश्य हुआ कि शिकायतें और खुलासे से लाॅटरी अवश्य इन आला अफसरों की निकलीं तथा जितना भ्रष्टाचारी और घोटालेबाज उतनी ही बडी़ दुधारू गाय इनकी अवश्य बन कर रह गया। भले ही उन दुष्कृत्यों में जनधन की वर्बादी के मामले रहे हों या फिर डम्पिंग व ब्लाकेज आफ फण्ड्स के मामले रहे हों।

ट्रांसफर इण्डस्ट्री भी इस विभाग के तीनों निगमों और उरेडा में ठीक-ठाक ढंग से विकसित है तथा फलती फूलती है और साहब के नाम का खेल  और भय दिखाकर कि ऊपर से आदेश… हैं, खूब पौ बारह की जाती रही है किन्तु शायद अब एचएसआर के राज्य में यह सब सम्भव हो नहीं पायेगा, वाकी तो समय ही बतायेगा कि कौन किसके आईने में उतरता है सचिव या मंत्री?

इसी कडी़ में आज भी धामी के धाम में गत दिवस ऊर्जामंत्री डा. हरक सिंह रावत की बडी़ बडी़ बातों, आश्वासनों और दावों के अभी कुछ घंटे भी नहीं बीते थे कि कोविड से ठप्प पडी़ ये इण्डस्ट्री चल पडी़ और डीजीएम (मा.स.) जिन पर मैडम की कुछ विशेष ही कृपा चली आ रही थी एकाएक कैसे कट गयी व एक ईक्षानदार को सौंप दी गयी, चर्चा में है। जिसका चर्चा का विषय बनी होना स्वाभाविक है! चर्चा तो यही है कि जुयाल की अतिरिक्त मलाईदार सीट मुख्यालय भुगतान इकाई छीन कर  फौजी प्रभाष डबराल को दे दिये जाने के आदेश निदेशक (एचआर) द्वारा पारित हो गये।

इसी के साथ मुख्य अभियंता-II सीएण्डपी कमलकान्त से लेकर हितेन्द्र सिंह हयांकि को दे दिया गया। देखिए आदेश गत दिवस के जिनका जारी होना आज का बताया जा रहा है…

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