कोरोना गाइडलाइन के तहत इस बार सादगी के साथ मनाया जाएगा ईद का त्योहार – Polkhol

कोरोना गाइडलाइन के तहत इस बार सादगी के साथ मनाया जाएगा ईद का त्योहार

देहरादून कुर्बानी का त्योहार ईद-उल-अजहा (बकरीद) आज सादगी के साथ मनाया जा रहा है। कोरोना गाइडलाइन के तहत इस बार ईदगाह में सामूहिक नमाज नहीं की गई। सुबह आठ बजे सीमित संख्या में ही लोगों ने नमाज अदा की। इसके अलावा शहर की विभिन्न मस्जिदों में लोगों ने सुबह साढ़े सात से 10 बजे तक अलग-अलग समय पर शारीरिक दूरी बनाकर नमाज अदा की। राज्यपाल मौर्य और सीएम धामी ने बकरीद की बधाई दी है।

इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार 12वें महीने जिल हिज्जा में चांद दिखने के 10वें दिन बकरीद मनाई जाती है। इस बार कोरोनाकाल को देखते हुए उलेमा ने सभी से कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए बकरीद मनाने की अपील की है। शहर काजी मौलाना मोहम्मद अहमद कासमी ने कहा कि कुर्बानी के इस दिन गरीबों को दान दें और जरूरतमंदों की मदद करें। मस्जिदों में शारीरिक दूरी का विशेष ख्याल रखें। जो लोग बीमार हैैं, वह घर में ही नमाज अदा करें। साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें।

राज्यपाल मौर्य और सीएम धामी ने दी बधाई

राज्यपाल बेबी रानी मौर्य और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को ईद-उल-अजहा की शुभकामनाएं दी हैं। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने अपने संदेश में कहा कि ईद-उल-अजहा त्याग और ईश्वर के प्रति समर्पण का त्योहार है। यह मानव कल्याण, सेवा और जरूरतमंदों की सहायता की प्रेरणा देता है। उन्होंने कामना की है कि यह पर्व सभी के जीवन में सुख, समृद्धि व खुशहाली लाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने संदेश में कहा कि खुशियों का यह त्योहार सामाजिक एकता को मजबूत करते हुए आपसी भाईचारे की भावना को भी बढ़ाता है। उन्होंने सभी से कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए त्योहार मनाने की अपील की है।

बाजार में खरीदारी को उमड़ी भीड़

बकरीद को लेकर शहर के पलटन बाजार, तिब्बती मार्केट और इंदिरा मार्केट, शापिंग माल में खरीदारी को लोग की भीड़ उमड़ी। अधिकांश लोग कपड़े, खाद्यान्न और मिठाई की खरीदारी करते नजर आए।

तीन दिन तक कर सकते हैं कुर्बानी

बकरीद की नमाज आज होगी, जबकि कुर्बानी तीन दिन तक कर सकते हैं। उत्तराखंड मदरसा एसोसिएशन के सचिव मोहम्मद शाहनजर के अनुसार, इस दिन की नमाज विशेष होती है। घर, मस्जिद अथवा जहां भी हों, नमाज अदा करें। यदि किसी कारणवश पहले दिन कुर्बानी नहीं कर सकें तो दूसरे और तीसरे दिन भी कर सकते हैं।

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