लखनऊ उत्तर प्रदेश में अब एसिड अटैक पीड़ित को भी दिव्यांग आरक्षण का लाभ मिलेगा। योगी आदित्यनाथ सरकार ने बौनापन, रोगमुक्त कुष्ठ और बौद्धिक दिव्यांगता को भी नई आरक्षण सूची में शामिल किया है। बुधवार को मंत्रिपरिषद की मंजूरी के बाद और पदों के पुनर्चिन्हांकन से नई श्रेणी के दिव्यांगों को लाभ मिलेगा।
यूपी की लोक सेवाओं में दिव्यांगजन को समूह ‘क’ ‘ख’ ‘ग’ व ‘घ’ में चार प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिया जा रहा है। पदों के चिन्हांकन के बाद नया शासनादेश जारी हुआ है। समस्त विभागों के शेष सभी पद दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम-2016 की धारा-34 के तहत दिव्यांगजन का आरक्षण दिए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। मंत्रिपरिषद ने चिन्हांकन के लिए भविष्य में संशोधन करने का अधिकार मुख्यमंत्री को रहेगा।
बता दें कि विकलांगजन (समान अवसर, अधिकार संरक्षण व पूर्ण भागीदारी) अधिनियम, 1995 में सात प्रकार की दिव्यांगताएं परिभाषित थीं। उसी के अनुसार राजकीय सेवाओं में दिव्यांगजन की श्रेणी क्रमश? (1) दृष्टिहीनता या कम दृष्टि, (2) श्रवण ह्रास (3) चलन क्रिया संबंधी दिव्यांगता या मस्तिष्कीय अंगघात को तीन प्रतिशत का क्षैतिज आरक्षण दिया जा रहा था। इस आरक्षण को लागू किए जाने के लिए हर विभाग में पदों का चिन्हांकन वर्ष 2011 में किया गया था। वर्ष 2016 में दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम-2016 पारित हुआ, जिसमें दिव्यांगजन के लिए तीन की जगह चार प्रतिशत का क्षैतिज आरक्षण लागू किया गया। इसमें दिव्यांगताएं सात प्रकार से बढ़ाकर 21 प्रकार की कर दी गई हैं।
दिव्यांगता की नई श्रेणियां : नई 21 प्रकार की दिव्यांगताओं में से निम्न दिव्यांगताओं को लोक सेवा में आरक्षण का लाभ प्रदान किए जाने के लिए सरकार ने सम्मिलित किया है।
- (1) अंध और निम्न दृष्टि।
- (2) बधिर और श्रवण शक्ति में ह्रास।
- (3) चलन दिव्यांगता, जिसके अंतर्गत मस्तिष्क घात, रोगमुक्त कुष्ठ, बौनापन, एसिड आक्रमण पीडि़त और पेशीय दुष्पोषण भी है।
- (4) स्वपरायणता, बौद्धिक दिव्यांगता, विशिष्ट अधिगम दिव्यांगता और मानसिक अस्वस्थता।
- (5) प्रत्येक दिव्यांगता के लिए पहचान किए गए पदों में खण्ड ‘क’ से ‘घ’ के अधीन आने वाले व्यक्तियों में से बहु दिव्यांगता, जिसके अंतर्गत बधिर, अंधता भी है।