नैनीताल। उत्तराखण्ड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन के बैनर तले एक्टू व सीटू से जुड़ी आशा कार्यकर्ताओं ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर तल्लीताल गांधी चौक पर शुक्रवार को राज्य सरकर का विरोध कर जमकर नारेबाजी की।
इस दौरान यूनियन की प्रदेश अध्यक्ष कमला कुंजवाल के नेतृत्व में आशा कार्यकर्ताओं ने अपनी 12 सूत्रीय मांगों को लेकर जिलाधिकारी धीराज गर्ब्याल के माध्यम से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन भेजा।
ज्ञापन में उन्होंने अवगत कराया कि आशाओं को मातृ शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए नियुक्त किया गया था लेकिन उसके बाद से ही आशाओं पर विभिन्न सर्वे औऱ काम का बोझ लगातार बढ़ाया जा रहा है मगर भुगतान के नाम पर कुछ नही दिया जा रहा हैं। वहीं ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा कि आशा वर्करों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा और न्यूनतम 21 हजार वेतन दिया जाए। कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा आशाओं के खाते मे कोरोना भत्ता डालने की घोषणा की गई थी ।यह कोरोना भत्ता भी आशाओं के खाते में जल्द डाला जाए। वहीं कोविड कार्य में लगी आशा वर्करों का 50 लाख का जीवन बीमा और 10 लाख का स्वास्थ्य बीमा लागू किया जाए औऱ आशाओं के साथ अस्पतालों में सम्मानजनक व्यवहार किया जाए। ज्ञापन में कहा कि जब तक कोरोना ड्यूटी के लिए अलग से मासिक भत्ते का प्रावधान नहीं किया जाता तब तक आशाओं की कोविड ड्यूटी न लगाई जाए।
इस दौरान यशोदा देवी, दीपा कनवाल, इंदु बाला, अनिता आर्य, सुनीता आर्य, कुसुमलता सनवाल, हेमा आर्य, तुलसी बिष्ट, सुधा आर्य, गीता नैनवाल समेत अन्य आशा कार्यकर्ताएं मौजूद रहीं।