देहरादून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्यों को लेकर प्रदेश सरकार तेजी से कदम बढ़ा रही है। मास्टर प्लान के तहत केदारनाथ धाम को उसकी भव्यता के अनुरूप संवारा जा रहा है तो यात्रियों की सुविधाओं का भी ध्यान रखा जा रहा है। इस कड़ी में केदारनाथ पैदल मार्ग पर फैब्रिकेटेड रेन शेल्टर बनाए जाएंगे। शासन ने इसके लिए 1.68 करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी कर दी है।
केदारनाथ पैदल यात्रा के पहले पड़ाव गौरीकुंड से लेकर केदारनाथ तक यात्रियों की सुविधा के लिए जगह-जगह 4.22 करोड़ रुपये की लागत से फैब्रिकेटेड रेन शेल्टर का निर्माण कराया जाना है। इसके तहत गौरीकुंड से जंगलचट्टी तक रेन शेल्टर के लिए कुल लागत 1.33 करोड़ के सापेक्ष 53.30 लाख रुपये की पहली किस्त जारी की गई है। इसी तरह जंगलचट़्टी से भीमबली के लिए 1.43 करोड़ के सापेक्ष 57.84 लाख और भीमबली से रामबाड़ा के लिए 1.45 करोड़ के सापेक्ष प्रथम किस्त के रूप में 58.12 लाख रुपये की राशि अवमुक्त की गई है।
सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने बताया कि केदारनाथ पैदल मार्ग पर फैब्रिकेटेड रेन शेल्टर का निर्माण होने से केदारनाथ आने-जाने वाले तीर्थयात्रियों को लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि कार्यदायी संस्था को शेल्टर का निर्माण उच्च गुणवत्ता के साथ जल्द पूर्ण कराने के निर्देश दिए गए हैं।
श्रीराम मंदिर संघर्ष पर पुस्तक को लेकर प्रधानमंत्री से मिले भट्ट
अयोध्या में श्रीराम मंदिर संघर्ष पर आधारित पुस्तक ‘श्री रामलला मन से मंदिर तक’ के सिलसिले में केंद्रीय राज्यमंत्री अजय भट्ट ने अपने साथी लेखक कुमार सुशांत के साथ दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। उन्होंने प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि इस पुस्तक का हिंदी के अलावा 10 अंतरराष्ट्रीय भाषाओं में भी अनुवाद हो रहा है। 21 देशों में इसका विमोचन होगा। केंद्रीय राज्यमंत्री भट्ट के अनुसार प्रधानमंत्री ने पुस्तक के लेखन कार्य की सराहना की। साथ ही इस विषय पर मार्गदर्शन भी दिया।
केंद्रीय राज्यमंत्री भट्ट ने बताया कि पुस्तक में अयोध्या में श्रीराम मंदिर संघर्ष के अलावा भारतीय भाषाओं में रामकथा समेत भगवान राम, मां सीता और भगवान राम के मानव कल्याण संदेशों पर आधारित आलेखों को विशेष तौर पर संग्रहित किया गया है। करीब एक हजार पृष्ठों के संकलन का कार्य पूर्ण हो चुका है, शेष 108 पृष्ठों पर कार्य तेज गति से चल रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में इस पुस्तक का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसार किया जाएगा।उन्होंने बताया कि कुमार सुशांत ने पुस्तक की विषय वस्तु के बारे में प्रधानमंत्री को विस्तार से जानकारी दी। पुस्तक का प्रकाशन रामायण रिसर्च काउंसिल ट्रस्ट कर रहा है। काउंसिल में बोर्ड आफ ट्रस्टी के अध्यक्ष केंद्रीय राज्यमंत्री भट्ट हैं, जबकि कुमार सुशांत इसके संस्थापक हैं।