नैनीताल: उत्तराखंड में हिमाचल की तर्ज पर भू कानून की मांग हुई तेज़

 

नैनीताल :: उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलनकारी क्रान्तिकारी मोर्चा के प्रदेश संगठन ने भू कानून, चिन्हीकरण में छुटे आंदोलन कारियो को चिन्हित किए जाने की मांग व प्रदेश में बढ़ रही बेरोजगारी को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
मंगलवार को नैनीताल के राज्य अतिथि गृह में राज्य आंदोलनकारियो ने अपनी मांगों को पूरा करने को लेकर गणेश बिष्ट की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई। आंदोलनकारियो का कहना है कि राज्य में हिमाचल की तर्ज पर जल्द ही भू कानून लागू किया जाए। 1989 से ही राज्य आंदोलन में भू कानून की मांग रही है। बाहरी लोगों के ज़मीन के ख़रीद फरोख्त से उत्तराखंड की संस्कृति खत्म हो रही है।
वही चिन्हीकरण में छूट गये आंदोलन कारियो के आवेदन पत्र पूर्व से जिलाधिकारी कार्यालयों में लगाये गये है उन सभी राज्य आन्दोलनकारियों को 31 सितंबर तक चिन्हीकरण कराया जाए। सरकारी नौकरी पर लगे राज्य आन्दोलनकारियों को नौकरी से नहीं हटाये जाने का भी उत्तराखण्ड शासन स्तर पर शासनादेश को निरस्त किया जाये। सरकार पर आरोप लगाते लगाते हुए राज्य आन्दोलनकारियों ने कहा खटीमा में मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने जो घोषणा की है उन्हें तुरंत शाशन आदेश जारी करे।
उत्तराखंड सरकार बेरोजगारों ओर ध्यान दे। राज्य में बेरोजगारी चरम पर है। आंदोलनकारियों के आश्रितों को उत्तराखण्ड के अन्तर्गत उद्योगों में नौकरी दिलाये जाने व व्यक्तिगत रूप से उद्योग लगाये जाने में राज्य आन्दोलनकारियों को 75 प्रतिशत उत्तराखण्ड शासन स्तर पर सब्सिडी अनिवार्य रुप से दिलाये जाने हेतु उत् आंदोलनकारियों का कहना है अगर जल्द उनकी मांगें नही माने गई तो राज्य भर में उग्र आंदोलन किया जाएगा। बैठक में महेश जोशी, शाकिर अली, वीरेंद्र जोशी, प्रकाश आर्य, व भवन रावत समेत अन्य आंदोलन कारी मौजूद थे।

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