वाह रे, वाह! ऊर्जा विभाग वाह!! जय हो भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारी की !
इंजी. अनिल कुमार बने यूपीसीएल के एमडी
एमडी पिटकुल सहित अन्य रिक्त निदेशकों के परिणाम आना अभी बाकी
महाबली यादव व पूरे कॉकस की सक्रियता गेटिंग सेटिंग में रंग लाई?
(ब्यूरो चीफ सुनील गुप्ता)
देहरादून। ऊर्जा विभाग के यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक के पद पर पिटकुल के निदेशक परियोजना अनिल कुमार को बनाया गया है।
ज्ञात हो कि विगत 5 अक्टूबर को ऊर्जा विभाग के तीनों निगमों में रिक्त चले आ रहे निदेशकों और प्रबंध निदेशकों के साक्षात्कार हुये थे जिनके परिणामों को लेकर तमाम अटकलें और तरह तरह की कयास बाजियाँ चल रही थी।
उक्त अटकलें सबसे अधिक यूपीसीएल के एमडी के पद पर होने वाली नियुक्ति को लेकर चल रही थी, जिसपर आज देर शाम मुहर लगा विराम लगा दिया गया और बहुचर्चित दावेदार इंजीनियर अनिल कुमार की नियुक्ति कर दी गयी जबकि पिटकुल के एमडी सहित यूपीसीएल के निदेशक परिचालन, निदेशक मानव संसाधन एवं यूजेवीएनएल के निदेशक मानव संसाधन के पदों पर हुये साक्षात्कारों का परिणाम आना अभी बाकी है।
उल्लेखनीय है कि धामी शासनकाल में उक्त नियुक्ति विस्मयजनक है क्योंकि उम्मीद की जा रही थी किसी बेदाग और साफ छवि बाले को ही उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड के एमडी कि कमान सौंपी जायेगी ताकि दयनीय दशा व दुर्दशा से जूझ रहे इस निगम का उद्धार हो सके परंतु इस कलयुग में एकबार फिर ऐसी अचम्भी नियुक्ति और चयन ने एक बार फिर तमाम प्रश्नों को एक साथ जन्म दे दिया है जिससे उन कहावतों को पंख अवश्य लगा गये हैं कि चाँदी की चकाचौंध के आगे सब रंग फीके तथा साँपनाथ गये तो क्या नागनाथ आगये… आदि आदि!
चर्चाओं पर यदि यकीन किया जाये तो इस नियुक्ति के पीछे की इबादत पहले ही लिखी जा चुकी थी साक्षात्कार तो एक बहाना था। यही नहीं इस नियुक्ति के पीछे इस नाजुक राजनैतिक माहौल में अब गये तब गये ऊर्जा मंत्री की धमक व वचनबद्धता के आगे सीएम की विवशता या फिर दोनों की गुपचुप कनसेंट अथवा चुनावी घड़ी का निकट होना और चुनावी खर्चो की जुगाड़? वरना ऐसी क्या क्या मजबूरियाँ थी जो इस बार साक्षात्कारों के परिणाम घोषित होने में 24 दिन लग गये जबकि हमेशा उसी दिन परिणाम घोषित कर नियुक्ति पत्र जारी किये जाते रहे हैं। इस देरी से स्वतः ही सब कुछ साफ है।
इस अप्रत्याशित नियुक्ति के पीछे भारी भरकम गेटिंग सेटिंग के खेल व परस्पर बँटवारे की भी झलक पर्दे के पीछे से दिखाई पड़ रही है भले ही असलियत कुछ भी हो, जिस पर तो आने वाला वक्त ही कुहासा छाँट सकेगा!
फिलहाल सच्चाई और हकीकत कुछ भी हो पर जनसामान्य में उपज रही तरह तरह की चर्चाओं पर विराम जल्दी लगने वाला नहीं दिखाई पड़ रहा है।
यूपीसीएल के एमडी के पद पर ऐसी नियुक्ति होगी मानना आखिर गलत ही साबित हुआ और तमाम आरोपों से घिरे व पिटकुल के अनेकों मामलों एवं भ्रष्टाचार व घोटालों में तथाकथित रूप से संलिप्त एवं विचाराधीन व ठंडे बस्ती में पड़े मामलों में संदिग्ध उक्त महाशय को बजाए सजा के मजा मिलेगा इसकी कल्पना धामी सरकार के कार्यकाल में किंचित मात्र भी नहीं की जा रही थी! हांलाकि विगत कुछ दिनों से भूतपूर्व एमडी रहे महाबली यादव सहित पूरा कॉकस गेटिंग सेटिंग के इस खेल को अंजाम देने में तन्मयता के साथ लगा हुआ था। यही नहीं कुछ कांट्रेक्टर्स व लाइजनर भी तनमनधन से महाशय के पक्ष में लगे हुये दिखाई दिए।
मजे की बात तो यह भी चर्चा में है कि एक अन्य चार्जशीटिड कलाकार की यूपीसीएल में निदेशक परिचालन के पद पर नियुक्ति होने की अब सम्भावना प्रबल दिखाई पड़ने लगी है?
तभी तो बड़बोले ऊर्जा मंत्री ने पदभार ग्रहण करते समय खाई गयी संविधान की शपथ को भुला एक पत्रकार व मीडिया से गुप्त रखे जाने वाले तब तक कि जब तक आवश्यक न हो… को उजागर कर अपना मनतब्य जाहिर कर दिया था जो विगत वृहस्पतिवार को मीडिया जगत में चर्चा का बिषय भी बना रहा और एक न्यूज पोर्टल द्वारा समाचार के रूप में प्रकाशित भी हुआ।
देखना यहाँ अभी भी गौरतलव होगा कि पिटकुल के एमडी व यूजेवीएनएल और यूपीसीएल के निदेशकों के पदों पर घोषित होने वाले नाम कैसी कैसी तस्वीर दिखाते हैं?
कुछ खास भी हैं ये ….
संविधान की शपथ भूले ऊर्जा मंत्री या फिर शगूफे से प्रतिक्रियाओं का ट्रायल चलाया गया दो दिन?
क्या दागियों और घोटालों के महारथियों की ही होंगी ऊर्जा निगमों में अभी और नियुक्तियाँ अथवा होगा कुछ उद्धार?
न एसीआर पूरी, न जाँचों का हुआ निस्तारण
कोबरा सहित आईएमपी, राजश्यामा, ईशान और आशीष ट्रारंसफार्मर आदि कम्पनियों के अनेकों भ्रष्टाचार व घोटालों के मामलों में किसी न किसी रूप में भूमिका रही है संदिग्ध!
विजीलेंस जाँचों पर भी सवालिया निशान या संदिग्ध जाँचें?
क्या यूपीसीएल के महाघोटालों और प्रकरणों पर अब हो पायेगा कोई एक्शन या हो जायें यूँ ही दफन
क्या होगा उपकालि के क्रिकेट पाॅवर परचेज प्रकरण में, 31 करोड़ डूबेगे या दोषी जाएंगे जेल?
क्या आईएमपी के अठ्ठाइसो पावर ट्राँसफार्मरों के फुँकने के इंतजार में है शासन?
आईटी इंजीनियर से इलैक्ट्रिकल पाॅवर ट्राँसफार्मर का स्टेज इंसपेक्शन कराने वाले तत्कालीन पिटकुल के चीफ इंजीनियर व वर्तमान निदेशक (परियोजना) की बदनीयती पर भी होगा क्या अब कोई एक्शन? देखिए नमूना इन महान विभूति का, जिनकी कि गयी नियुक्ति….
चर्चित ट्रिपल फीडर पैनल महा घोटाला प्रकरण पर पिटकुल को छोड़, कान्टरेक्टर ईशान को अनुचित लाभ पहुँचाने वाले महारथी डायरेक्टर पर कसा जायेगा शिकंजा या दफन हो, करा दिया जायेगा करोडो़ं का भुगतान? ऐसे बफादार महाशय की भूमिका से भी फेर ली आँखें धामी शासन ने….