पौड़ी: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पौड़ी पहुचे, जहा उन्होंने रामलीला मैदान में आयोजित “विकास के साक्षी” कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने नवीन जिलाधिकारी कार्यालय का उद्घाटन समेत 100 करोड़ से अधिक की विभिन्न विकास योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने विभिन्न विभागों के लगे स्टॉल का भ्रमण किया। इस दौरान महालक्ष्मी किट का वितरण किया और विभिन्न स्वयं सहायता समूह से जुड़े सीएलएफ को 5 -5 लाख के चेक वितरित किए।
क्या कहा मुख्यमंत्री ने
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा वर्तमान में विभिन्न क्षेत्रों में कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। सरकार त्वरित गति से समाधान के फार्मूले पर काम कर रही है। बीते चार महीनों में प्रदेश सरकार ने 500 से ज्यादा घोषणाएं की है और अधिकतर के शासनादेश जारी हो गए हैं। राज्य सरकार ने प्रदेश में नई खेल नीति को लागू किया है जिसके जरिये प्रदेश के युवा और होनहार खिलाड़ियों को सुविधा मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सरकार द्वारा पंचायत प्रतिनिधियों को प्रोत्साहित करने के लिए उनके मानदेय में वृद्धि की गई है, इसके साथ ही विभिन्न विभागों में काम कर रहे हैं उपनल कर्मचारी, आशा, आंगनवाड़ी वर्कर का भी विशेष ध्यान रखा गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के कर्मचारियों की गोल्डन कार्ड को लेकर लंबे समय से मांग चल रही थी जिसका निस्तारण कर दिया गया है।
कार्यक्रम में सभा को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रदेश के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए, वीर चंद्र सिंह गढ़वाली स्वरोजगार योजना में दी जाने वाली सब्सिडी को भी बढ़ा दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा प्रयास है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में 2025 तक उत्तराखंड को शीर्ष तक पहुंचाया जाए जिसके लिए राज्य सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर है। आज प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में देश के सैनिकों का मान बढ़ा है। सैनिकों की सुविधाओं का विकास किया गया है और वन रैंक वन पेंशन योजना का लाभ भी सैनिकों को दिया गया है।
कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री श्री धन सिंह रावत, विधायक श्री मुकेश कोहली, विधायक श्री दलीप रावत, नगर पंचायत अध्यक्ष यशपाल बेनाम समेत बड़ी तादात में स्थानीय जनता मौजूद रही।