उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी टीईटी) 2021 पेपर लीक केस में योगी सरकार ने अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी (पीएनपी) संजय उपाध्याय के निलंबन के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्हें अहम कार्य में गोपनीयता न बरतने और परीक्षा की शुचिता बरकरार न रख पाने में प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया है। संजय उपाध्याय को लखनऊ से गिरफ्तार कर नोएडा ले जाया गया है। इसके पहले यूपी एसटीएफ ने प्रश्नपत्र छापने वाली एजेंसी के निदेशक राय अनूप प्रसाद को दिल्ली से गिरफ्तार किया था। इस एजेंसी को प्रश्न पत्र छापने का वर्क आर्डर संजय उपाध्याय ने जारी किया था।
उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा 28 नवंबर को आयोजित की गई थी। परीक्षा शुरू होने से पहले ही पेपर लीक हो गया था, जिसके कारण परीक्षा रद कर दी गई थी। इसमें 21.65 लाख से अधिक परीक्षार्थी शामिल होने वाले थे। इस पूरे प्रकरण को राज्य सरकार ने काफी गंभीरता से लिया है। सरकार ने इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई शुरू कर दी है। इंटरनेट मीडिया पर पेपर लीक करने सहित साल्वर गिरोह के करीब तीन दर्जन आरोपितों को अब तक गिरफ्तार किया जा चुका है। पीएनपी सचिव संजय उपाध्याय के बाद अब जल्द ही इस मामले में कुछ और बड़ों की गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं।
यूपी के एडीजी ला एंड आर्डर प्रशांत कुमार ने बताया कि टीईटी पेपर लीक केस में शुरुआत में ही स्पष्ट कर दिया गया था कि सख्त एक्शन लिया जाएगा। कोई भी दोषी बख्शा नहीं जाएगा। प्रशांत कुमार के अनुसार पूछताछ के बाद जांच अधिकारी और यूपी एसटीएफ की टीम ने पीएनपी सचिव संजय उपाध्याय गिरफ्तार किया है। कोर्ट में पेश किए जाने के बाद पुलिस उन्हें रिमांड पर लेकर और पूछताछ करेगी। उन्होंने कहा कि पीएनपी सचिव संजय उपाध्याय के खिलाफ पुलिस के पास पर्याप्त साक्ष्य हैं। इसी आधार पर उनकी गिरफ्तारी की गई है। सरकार पहले ही उन्हें निलंबित कर चुकी है।
योगी सरकार में पीएनपी के दूसरे सचिव पर कार्रवाई : योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश परीक्षा नियामक प्राधिकारी (पीएनपी) के स्तर पर गड़बड़ी होने के मामले में दूसरी बार सचिव पर बड़ी कार्रवाई की है। इसके पहले वर्ष 2018 में 68500 शिक्षक भर्ती में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी के आरोप में इससे भी बड़ी कार्रवाई की थी, जिसमें तत्कालीन सचिव सुत्ता सिंह सहित कई अफसरों को निलंबित कर दिया गया था। अब यूपीटीईटी में गोपनीयता के उच्चस्तरीय मानदंडों का पालन नहीं करने के आरोप में परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव संजय कुमार उपाध्याय को निलंबित कर गिरफ्तार भी कर लिया गया है। यह इस पद पर छह महीने भी नहीं रह पाए।