पंजाब के किसान तीनों कृषि कानून निरस्त होने के बाद अब घर वापसी को बेताब – Polkhol

पंजाब के किसान तीनों कृषि कानून निरस्त होने के बाद अब घर वापसी को बेताब

दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बार्डर (कुंडली बार्डर) पर धरना प्रदर्शन कर रहे पंजाब के किसान तीनों कृषि कानून निरस्त होने के बाद अब घर वापसी को बेताब हैं। ज्यादातर किसान प्रदर्शनकारियों का कहना है कि तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ धरना प्रदर्शन चल रहा था। जब केंद्र सरकार ने तीनों कानून निरस्त कर दिए हैं तो प्रदर्शन खत्म कर किसानों को वापस लौटना चाहिए। न्यूनतम समर्थन मूल्य समेत 6 मांगों पर केंद्र सरकार ने सकारात्मक रुख दिखाया है। ऐसे में दिल्ली-एनसीआर के बार्डर पर आंदोलन खत्म किया जा सकता है। पंजाब की 32 में से 22 जत्थेबंदियां आंदोलन खत्म करने के पक्ष में हैं। बावजूद इसके किसान प्रदर्शनकारी 4 दिसंबर को होनी संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक का इंतजार कर रहे हैं, जिसमें आंदोलन जारी रखने या फिर इसका स्वरूप बदलने अथवा खत्म करने पर फैसला हो सकता है।

जत्थेबंदियों ने शुरू किया सामान पैक करना

जानकारों की मानें तो कोई भी शख्स या संगठन हो वह कोई भी आंदोलन किसी मकसद के लिए करता है। ऐसे में मकसद पूरा होने के बाद आंदोलन खत्म करने की बेताबी दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बार्डर (कुंडली बार्डर) पर किसान प्रदर्शनकारियों में देखी जा रही है। यही वजह है कि इन जत्थेबंदियों के बैनर तले आए लोगों ने अपना सामान पैक करना शुरू कर दिया है। प्रदर्शनकारियों को उम्मीद है कि जल्द ही आंदोलन खत्म हो जाएगा और घर वापस जा सकेंगे। 22 जत्थेबंदियां एसकेएम की घोषणा के बाद अपना सामान बांधेंगे। वहीं, सभी 32 जत्थेबंदियां मांगें पूरी होने पर घर वापसी की बात कर रही हैं।

4 दिसंबर को होगी संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक

किसान आंदोलन की आगे की रणनीति को लेकर आगामी 4 दिसंबर को सिंघु बार्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा के बड़े नेताओं की एक अहम बैठक होगी। 4 दिसंबर को दोपहर बाद होने वाली बैठक पर केंद्र सरकार के साथ दिल्ली-एनसीआर के लोगों की भी नजर रहेगी।

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