गृह मंत्री अमित सिंह ने कहा कि कश्मीर में 370 हटने के बाद से शांति, निवेश और पर्यटकों में इजाफा हुआ है। उन्होंने कहा, ‘जम्मू कश्मीर में जिस प्रकार का विकास इस समय हो रहा है, जिस प्रकार की कानून व्यवस्था वहां अब बनी है, इससे वहां पर्यटन भी बढ़ा है। जन कल्याण की योजनाओं का लाभ वहां के लोगों तक पहुंचाने में जम्मू कश्मीर आज अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनाने का दावा करने के अलावा तीनों कृषि कानूनों पर भी गृह मंत्री ने एक कार्यक्रम के दौरान बयान दिया।
अगले साल उत्तर प्रदेश में होने वाले विधासनभा चुनावों को लेकर अमित शाह ने कहा,’ मैं पूरे विश्वास के साथ कहना चाहता हूं कि उत्तर प्रदेश में हम (भाजपा) प्रचंड बहुमत से सरकार बनाने वाले हैं। अमित शाह ने दावा किया है कि भाजपा एक बार फिर से प्रचंड बहुमत के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी में सरकार बनाएगी। अमित शाह ने स्पष्ट तौर पर कहा कि किसान आंदोलन का उत्तर प्रदेश के चुनाव में कोई असर नहीं पड़ेगा।
एक कार्यक्रम में संबोधन करते हुए उन्होंने कहा कि ये सौभाग्य की बात है कि कोरोना महामारी आने के करीब 7 साल पहले ही देश में एक परिवर्तन हुआ। 2014 के बाद देश को एक राजनीतिक स्थिरता मिली है। शाह ने कहा,’ लंबे समय तक देश में गठबंधन सरकारों का दौर रहा था। इसके दुष्परिणाम देश के प्रशासन, अर्थतंत्र और देश के भविष्य पर पड़े। 2014 के 10 साल पहले तक देश में बहुत सारे घपले, घोटाले हुए। इससे दुनिया में देश का सम्मान कम हुआ है।’ उन्होंने कहा,’ श्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने ढेर सारे मामलों को बहुत धैर्य के साथ और दूरदर्शी तरीके से अपने हाथ में लिया। उनके आने के बाद गरीबों को भी देश के विकास में भागीदार बनाने का काम हुआ है।’
इसके साथ ही अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने किसान आंदोलन को समाप्त करने के लिए बहुत बड़ा दिल दिखाकर तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया है। पंजाब में चुनाव विकास के आधार पर होगा। जिसका अच्छा प्रदर्शन होगा, उसकी सरकार बनेगी। साथ ही कहा कि देश के विशेषज्ञों के मेरा निवेदन है कि आंकड़ों का एक तुलनात्मक अध्ययन कर देश की जनता के सामने रखें कि किस सरकार के आने पर देश में ज्यादा विकास होता है।
इतना ही नहीं पूर्वोतर के लिए भी अमित शाह ने बयान दिया। उन्होंने कहा कि नॉर्थ ईस्ट में पिछले 2.5 साल में करीब 4,000 उग्रवादियों ने समर्पण किया है। देश का बहुत बड़ा क्षेत्र उग्रवाद की चपेट से बाहर आया है। पिछले 7 वर्षों में सबसे कम नकस्लवादी हिंसा देश में हुई है और ये लगातार कम हो रही है।