देहरादून: उत्तराखंड सरकार में वन मंत्री के रूप में कार्यरत हरक सिंह रावत ने शुक्रवार देर शाम अपने पद से त्यागपत्र देने की घोषणा कर दी।
हमेशा विवादों में रहे हरक सिंह आज यहां मन्त्रिमण्डल की बैठक में शामिल हुए। बैठक समाप्त होने के बाद, वह अचानक आवेश में आ गये। एक अन्य वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सम्बोधित करते हुये कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज बनाने के लिये कोई फैसला न लेने पर आपत्ति जताते हुये कहा कि मैं छोड़ रहा तुम्हारा मंत्री पद। इस्तीफा दे रहा इससे। इतना कहकर ग़ुस्से में वह सचिवालय से निकल गए।
बताया जा रहा है कि हरक सिंह कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज खोले जाने के लिए पिछले कुछ समय से सरकार पर लगातार दबाव बना रहे थे। केंद्र सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक हालांकि एक जिले में एक ही सरकारी मेडिकल कॉलेज खुल सकता है। श्रीनगर में पहले से मेडिकल कॉलेज है। यही वजह है कि कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज नहीं खुल पा रहा था।
उल्लेखनीय है कि हरक सिंह हमेशा अपने बयानों और कार्यशैली से विवादों में रहे हैं। वह कांग्रेस से नौ अन्य विधायकों के साथ वर्ष 2016 में विधानसभा में विश्वासमत के दौरान तत्कालीन हरीश रावत सरकार के विरुद्व वोट डाले थे और बाद में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे।