नई दिल्ली: अटल पेंशन योजना (एपीवाई) की स्थापना के साढ़े छह साल से अधिक की यात्रा में 3.68 करोड़ लोगों ने इसमें अपना नाम दर्ज कराया है और इसके तहत 20 हजार करोड़ रुपये संपदा प्रबंधन किया जा रहा है।
एपीवाई का संचालन करने वाले पेंशन कोष नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के अध्यक्ष सुप्रतिम बंद्योपाध्याय ने आज कहा कि समाज के सबसे कमजोर वर्गों को पेंशन के दायरे में लाने का यह अद्भुत काम सार्वजनिक और निजी बैंकों के अथक प्रयासों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, भुगतान बैंक, लघु वित्त बैंक, सहकारी बैंक, डाक विभाग और राज्य स्तरीय बैंकर समितियों द्वारा दिए गए समर्थन से ही संभव हो सका है।
उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में प्रदर्शन अच्छा रहा क्योंकि 65 लाख से अधिक लोगों ने इसमें नामांकन किया है, जो योजना के शुरू होने से इस अवधि में अब तक का सबसे अधिक नामांकन है। नामांकन के अलावा पुरुष से महिला सदस्यता अनुपात 56:44 में सुधार हो रहा है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने असंगठित क्षेत्रों में नागरिकों को वृद्धावस्था आय सुरक्षा देने के उद्देश्य से सरकार की प्रमुख सामाजिक सुरक्षा योजना एपीवाई की 9 मई 2015 को शुरुआत की थी।
पीएफआरडीए के अध्यक्ष ने कहा कि इस चालू वित्त वर्ष में एक करोड़ लोगों के नाम दर्ज करने के अलावा आगे देश में पेंशन संतृप्ति (परिपूर्णता) प्राप्त करने का काम है और इसे हासिल करने के लिए हम लगातार सक्रिय पहल करेंगे।
18 से 40 वर्ष की आयु के किसी भी भारतीय नागरिक द्वारा एपीवाई की सदस्यता ली जा सकती है, जिसके पास बैंक खाता है। तीन विशिष्ट लाभों के कारण इसकी विशिष्टता है। सबसे पहले इसमें 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर 1000 रुपये से 5000 रुपये तक की न्यूनतम गारंटी पेंशन प्रदान की जाती है। दूसरा यह है कि अभिदाता (बीमित व्यक्ति) की मृत्यु होने पर जीवनसाथी को जीवन भर के लिए पेंशन राशि की गारंटी दी जाती है और अंत में अभिदाता और पति या पत्नी दोनों की मृत्यु की स्थिति में पूरी पेंशन राशि का भुगतान नॉमिनी को किया जाता है।