अजमेर: राजस्थान के अजमेर में कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की छठी आज परम्परागत तरीके से धार्मिक रीति रिवाज के साथ मनाई गयी।
यह छठी छड़ी माह की छठी रही जबकि अगले माह रजब माह में गरीब नवाज के उर्स की छठी होगी। दरगाह के आहाता-ए- नूर में खुद्दाम-ए-ख्वाजा की जानिब से सुबह नौ बजे छठी कार्यक्रम का आगाज हुआ। एक घंटे के कार्यक्रम में ख्वाजा साहब की शान में नात एवं मनकबत पेश किया गया और गरीब नवाज की वंशावली के साथ उनकी शिक्षाओं को पढ़ा गया। इस दौरान दरगाह पूरी तरह अकीदतमंदों से पटी नजर आई। अंजुमन से जुड़े खादिमों ने देश दुनिया में अमन चैन, खुशहाली , भाईचारे तथा वैश्विक महामारी कोरोना से निजात के लिये दुआ की तथा जायरीनों में तबर्रुक तकसीम किया।
तेज ठंड और कोरोना के साये के बावजूद ख्वाजा के दीवाने बड़ी संख्या में मौजूद रहे। भीड़ का आलम ये रहा कि दरगाह के बाहर के क्षेत्र दरगाह बाजार, मोतीकटला, धानमंडी, दिल्ली गेट , गंज, महावीर सर्किल तक जायरीन ही जायरीन नजर आये । दरगाह में कोरोना नियमों की पालना के तहत फूल एवं चादर की दुकानों को बंद करा दिया गया है।
उल्लेखनीय है की ख्वाजा साहब का सालाना उर्स रजब माह का चांद दिखाई देने पर 3 या 4 फरवरी से शुरू होगा । इससे पहले 27 जनवरी को 810वें सालाना उर्स का झंडा भीलवाड़ा के लाल मोहम्मद गौरी परिवार द्वारा दरगाह के बुलंद दरवाजे पर परम्परागत तरीके से चढ़ाया जायेगा ।